स्कीमों पर करोड़ों फूंकने के बाद भी दिल्ली पुलिस की योजनाएं हवा-हवाई

Monday, Dec 24, 2018 - 12:24 PM (IST)

नई दिल्ली(कृष्ण कुणाल सिंह): दिल्ली पुलिस के कमिश्नर अमूल्य पटनायक का दिल्ली में साइकिल से पुलिस पेट्रोलिंग का बड़ा आइडिया था। पहली बार गत वर्ष मई महीने में लाखों रुपये खर्च कर दिल्ली के भीड़ भरी सड़कों व संकरी गालियों में पेट्रोलिंग करने के लिए करीब 185 से अधिक साइकिल खरीदी गई। एक साइकिल पर दिल्ली पुलिस के करीब 13 हजार 680 रुपये खर्च किए थे। लेकिन डेढ़ साल बाद ही यह स्कीम फ्लॉप हो गई। मुहिम को धूमधाम से शुरू किया गया लेकिन मौजूदा समय में न साइकिल पुलिसिंग ही है और न ही साइकिल। 

बता दें इस स्कीम की शुरुआत गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने की थी और हरी झंडी पुलिस के मुखिया अमूल्य पटनायक ने दिखाई थी। जिसके तहत यमुनापार में तीने जिलों में करीब 65 साइकिलों का वितरण किया गया। उस वक्त कहां गया था कि दिल्ली पुलिसकर्मी, बीट कांस्टेबल मार्कीट और भीड़भाड़ वाले इलाके में इन साइकिल से गश्त करेंगे। इसके अलावा जिस इलाके में गाडिय़ां नहीं पहुंच सकती उस जगह यह साइकिल पहुंचेगी। लेकिन पब्लिक प्रोटेक्शन मूवमेंट आर्गनाइजेशन के निदेशक जीशान हैदर ने एक आरटीआई के जरिए पूछा था कि दिल्ली पुलिस के पास कितने साइकिल हैं और कितने खराब पड़े हैं और कितने मरम्मत के लिए भेजे गये हैं।



दिल्ली पुलिस के जन सूचना अधिकारी रसद व आपूर्ति के शरत कुमार सिन्हा ने जवाब देते हुए बताया था कि अब तक दिल्ली पुलिस ने करीब 229 साइकिले खरीदी हैं। इसमें मई 2017 में नोएडा की एक कंपनी के एक प्राइवेट कंपनी से पहली खेप में 65 जिनका प्रति साइकिल का मूल्य 13680 रुपये था जबकि जुलाई 2017 में 120 साइकिलें प्रति साइकिल 13824 रुपये मूल्य की खरीदी गई थी। इसके अलावा 77 साइकिल दिल्ली पुलिस ने स्वयं खरीदा था। लेकिन दिल्ली पुलिस ने यह जवाब नहीं दिया कि कितनी साइकिलें मरम्मत के लिए दी गई हैं या कितनी खराब पड़ी हैं। 229 साइकिल पर दिल्ली पुलिस ने करीब 36 लाख 61 हजार 440 रुपये खर्च कर डाले। लेकिन अब ये साइकिल सिर्फ शोभा बनकर रहे गये हैं या धूल फांक रहे हैं।

क्या थी साइकिल की विशेषता
ट्यूबलेस टायरों वाली इन खास किस्म की साइकिलों को काले और ऑरेंज रंग में अलग लुक दिया गया था। सभी साइकिलों पर दिल्ली पुलिस का लोगो लगा है। वहीं पुलिसकर्मी को वायरलेस, पेपर अदि रखने में दिक्कत ना हो इसके लिए एक बास्केट भी लगाई गई है।


सिर्फ दो जिला पुलिस ने दिया जवाब 
साइकिल की मरम्मत पर खर्च का ब्योरा सिर्फ दो जिला पुलिस ने दिया है। नई दिल्ली जिला पुलिस ने बताया कि गश्त के लिए खरीदी गईं साइकिल पर करीब 48 हजार 54 सौ रुपए खर्च हुए हैं जबकि द्वारका जिला ने बताया कि पहली बार 16 हजार 807 और 11 हजार 835 रुपये खर्च हुये थे यानि सिर्फ दो जिला पुलिस ने साइकिल के मरम्मत पर करीब 76 हजार 696 रुपये खर्च कर डाले।

बुलेट प्रूफ जैकेट व हेल्मेट भी है कम 
दिल्ली हमेशा आतंकियों के निशाने पर रहती है। हिजबुल मुजाहिद्दीन, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद समेत अन्य आतंकी संगठन के सदस्यों को दिल्ली हर साल गिरफ्तार भी करती है। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों की अलर्ट के बाद दिल्ली पुलिस हमेशा अलर्ट पर भी रहती है और आतंकी संगठन से निपटने के लिए पूरी तरह से सक्षम भी है। नये साल के मौके पर भी दिल्ली में आतंकी हमले के मदेद्नजर दिल्ली पुलिस अलर्ट पर है। लेकिन मुबंई में हुये 26/11 जैसा हमला अगर दिल्ली में हो जाये तो उसे निपटने के लिए दिल्ली पुलिस के पास न तो बुलेट प्रुफ हेल्मेट है न ही बुलेट प्रुफ जैकेट। आंकड़ों की माने तो 80 हजार पुलिस पर दिल्ली पुलिस के पास सिर्फ 1285 बुलेट प्रुफ जैकेट और 144 हेल्मेट ही है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिल्ली पुलिस आतंकी हमले से निपटने के लिए कितनी सक्षम है। 


किराये की गाडिय़ों पर 3.66 अरब खर्च 
दूसरी चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले सात साल में किराये के गाडिय़ों पर दिल्ली पुलिस ने 3.66 अरब रुपये खर्च कर डाले। इतने पैसे में दिल्ली पुलिस खुद की ही अपनी गाडिय़ां खरीद सकती है। दिल्ली पुलिस के दिये जवाब के मुताबिक हर साल दिल्ली पुलिस 400 गाडिय़ों पर किराये में करीब 50 करोड़ रुपये खर्च करती है। सिर्फ नेता, मंत्री की सुरक्षा व जेड व जेड प्लस सुरक्षा में हर दिन 9.60 लाख रुपये खर्च करती है। इनमें अधिकतर किराये की गाडिय़ां दिल्ली पुलिस के सिक्योरिटी यूनिट में तैनात है। जो वीआईपी सुरक्षा का जिम्मा संभालती है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस 50 एसयूवी कार और 450 जिप्सी सालाना किराये पर औसतन 24 घंटे के लिए रखती है। 

vasudha

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