दिल्लीः नई आबकारी नीति को अदालत में दी गई चुनौती, हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से मांगा जवाब

Thursday, Jul 29, 2021 - 06:06 PM (IST)

नेशनल डेस्कः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर लिमिटेड (डीसीसीडब्ल्यूएसएल) के कर्मचारियों की याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। इस याचिका में नयी आबकारी नीति के इस प्रावधान को चुनौती दी गयी है कि भारत में बनी विदेशी शराब (आईएमएफएल) और विदेशी शराब (एफएल) के लिए सरकारी स्वामित्व वाली शराब की कोई दुकान नहीं होगी।

याचिका में कहा गया है कि यदि (डीसीसीडब्ल्यूएसएल) के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया जाता है तो वहां काम करने वाले 350 लोगों का रोजगार प्रभावित होगा और संविधान के तहत आजीविका से वंचित करने वाली कोई भी नीति मनमानी है। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर कर्मचारी संघ की याचिका पर दिल्ली सरकार और डीसीसीडब्ल्यूएसएल को नोटिस जारी किये। इन सभी को दो सप्ताह के भीतर नोटस का जवाब देना है।

अदालत इस मामले में अब 27 अगस्त को सुनवाई करेगी। विभिन्न आधार पर नयी आबकारी नीति 2020-21 को चुनौती देने वाली अन्य याचिकाओं पर भी उसी दिन सुनवाई होगी।याचिका का दिल्ली सरकार ने विरोध करते हुए कहा था कि यह एक ‘छद्म’ याचिका है और जुर्माना लगाना के साथ इसे खारिज कर देना चाहिए।

दिल्ली सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और राहुल मेहना ने कहा कि आबकारी नीति को चुनौती देने वाली आठ अन्य याचिकाओं के मामले में राहत नहीं मिलने के बाद कर्मचारियों के नाम पर यह ‘छद्म’ याचिका दाखिल की गयी है।

याचिकाकर्ता कर्मचारी संघ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि डीसीसीडब्ल्यूएसएल एक सोसाइटी है, जो दिल्ली सरकार के अधीन है और वहां 350 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की आय का एकमात्र स्रोत 70 से अधिक दुकानों के माध्यम से शराब बेचना है और यदि लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया जाता है तो उन्हें कोई वेतन नहीं मिलेगा और उनका जीवन दांव पर लग जाएगा।

याचिकाकर्ता ने नीति में एक प्रावधान को चुनौती दी है जिसमें कहा गया है कि ‘‘आईएमएफएल/एफएल के लिए कोई सरकारी स्वामित्व वाली शराब की दुकान नहीं होगी और एल-6, एल-6 एफजी और एल-6 एफई के रूप में लाइसेंस बेमानी हो जाएंगे।’’

Yaspal

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