Domestic Violence Act: बुजुर्ग सास-ससुर के हक में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला....तो बहू को ससुराल से कर सकते है बेदखल

punjabkesari.in Wednesday, Oct 23, 2024 - 10:37 AM (IST)

नेशनल डेस्क:  दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में घरेलू हिंसा से संरक्षण कानून (DV Act) के तहत महिलाओं के साझा घर में रहने के अधिकार पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने कहा कि यदि पत्नी खुद एक लाभकारी नौकरी कर रही है, तो उसे ससुराल के साझा घर से बेदखल किया जा सकता है, भले ही उस घर पर किसी का भी स्वामित्व हो।

फैसले का आधार
कोर्ट ने एक महिला की अपील खारिज करते हुए कहा कि वह एक एमबीए शिक्षित और कामकाजी महिला है, और उसे साझा घर से बेदखल करने से उसकी सहायता की जा रही है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 19 के तहत पत्नी को साझा घर में रहने का अधिकार केवल तब मान्यता प्राप्त करता है जब उसे कानून के अनुसार बेदखल किया जाए और उसे वैकल्पिक आवास (किराये के आवास सहित) दिया जाए।

बुजुर्ग ससुर का अधिकार
कोर्ट ने अपने फैसले में इस बात का भी उल्लेख किया कि अपीलकर्ता की बुजुर्ग ससुर का घर साझा घर का स्वामित्व है और उन्हें बुढ़ापे में उनके घर से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि महिला को बेघर नहीं किया गया है, बल्कि उसके लिए किराये का वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराया गया है।

केरल हाईकोर्ट का निर्णय: पत्नी के गहनों का मामला
इसके अलावा, केरल हाईकोर्ट ने एक अलग मामले में पत्नी की सहमति के बिना उसके स्त्रीधन में मिले गहनों को गिरवी रखने को अमानत में खयानत का अपराध मानते हुए पति को छह महीने की कारावास और पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जस्टिस ए. बदरुद्दीन ने कहा कि पति ने पत्नी के गहनों को गिरवी रखकर कर्ज लिया, जो आपराधिक विश्वासघात के सभी तत्वों को साबित करता है।

ये दोनों मामले न केवल कानून के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे समाज में महिलाओं के अधिकारों और घरेलू हिंसा से संबंधित मुद्दों पर भी रोशनी डालते हैं।


 


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Content Writer

Anu Malhotra

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