पोस्टमार्टम के बाद लाशों का होता है ये हाल

Wednesday, Nov 25, 2015 - 05:24 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद महानगर के शवगृह अब भी जंग लगे हुए और पुराने औजार से पोस्टमार्टम करते हैं। उच्च न्यायालय ने प्रशासन को दो महीने पहले स्थिति में सुधार लाने का निर्देश दिया था और सरकार ने कहा था कि एक हफ्ते उपकरणों को उन्नत किया जाएगा। अदालत के सहायक साकिब द्वारा उच्च न्यायालय में दायर रिपोर्ट के मुताबिक जब उन्होंने गुरू तेग बहादुर अस्पताल और अरूणा आसफ अली अस्पताल के शवगृह का दौरा किया तो पाया कि पुराने उपकरणों को नहीं बदला गया है। अदालत के 16 सितम्बर और एक अक्तूबर के निर्देश पर उन्होंने 16 नवम्बर को कुछ शवगृह का निरीक्षण किया था।  

उन्होंने पाया कि ‘‘पोस्टमार्टम में विसरा सुरक्षित रखने के लिए उपयोग किया जाने वाला नमक और पोस्टमार्टम के बाद शवों को ढंकने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला पीवीसी शीट काफी समय से खत्म हो गया है।’’  साकिब ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘‘मैंने गहरे क्षोभ और दुख से गौर किया मेरे अंतिम निरीक्षण के बाद से एक भी चीज सकारात्मक दिशा में नहीं मुड़ी है। औजार, सर्जिकल उपकरण और इस्तेमाल होने वाले उपकरण वहीं है जो जंग लगे हुए, पुराने हैं।’’ अदालत ने 16 सितम्बर को महानगर के शवगृह की स्थिति पर क्षोभ और गुस्सा जाहिर किया था और दिल्ली सरकार को ‘‘तेजी से कार्रवाई’’ करने का निर्देश दिया था। 

अदालत ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया था। हत्या के आरोपी एक व्यक्ति की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी और शवगृह में उसकी एक आंख गायब हो गई जिस पर जनहित याचिका लगाई गई थी।  महानगर सरकार की तरफ से वकील राहुल मेहरा ने अदालत को आश्वासन दिया था कि पोस्टमार्टम के उपकरणों का एक हफ्ते के अंदर उन्नयन किया जाएगा और उन्हें बदला जाएगा। 

 
Advertising