भाजपा के तीन नेताओं पर दिल्ली HC सख्त, कहा-  भड़काऊ भाषण को लेकर दर्ज हो FIR

Wednesday, Feb 26, 2020 - 06:14 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि सीएए को लेकर हिंसा के मामले में भाजपा के तीन नेताओं के कथित नफरत भरे भाषणों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के मुद्दे पर अदालत को संबंधित प्राधिकारों के जवाब का इंतजार करना चाहिए। इससे पहले दिन में न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने मेहता को नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के मुद्दे पर पुलिस आयुक्त को सलाह देने को कहा । 

अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर उत्तर-पूर्व दिल्ली के विभिन्न हिस्से में सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने और संलिप्त लोगों को गिरफ्तार करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। सांप्रदायिक हिंसा में 22 लोगों की मौत हुई है और 180 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। सुनवाई के दौरान मेहता ने कहा कि अभी किसी भी निर्णय से स्थिति भड़क सकती है।

दिल्ली सरकार के स्थायी वकील राहुल मेहरा ने दलील दी कि नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करने की कोई वजह नहीं है। मेहरा ने कहा कि हिंसा में संलिप्त हर किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। इससे पहले दिन में उच्च न्यायालय ने कहा कि बाहर की स्थिति बहुत निराशाजनक है। सुनवाई के दौरान अदालत ने मेहता और पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) राजेश देव से पूछा कि क्या उन्होंने भाजपा नेता कपिल मिश्रा के कथित नफरत फैलाने वाले भाषणों के वीडियो क्लिप देखे हैं । 

मेहता ने कहा कि वह टीवी नहीं देखते और उन्होंने ऐसे क्लिप नहीं देखे हैं । देव ने कहा कि उन्होंने भाजपा नेताओं- अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के वीडियो देखे हैं लेकिन मिश्रा के क्लिप नहीं देखे हैं । पुलिस अधिकारी के बयान पर न्यायमूर्ति मुरलीधर ने कहा कि दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली से मैं वाकई हैरान हूं। खचाखच भरी अदालत में शोर बढ़ने पर पीठ ने कहा कि मर्यादा बनाए रखें अन्यथा बंद कमरे में सुनवाई की जाएगी।

vasudha

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