मैरिटल रेप याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, जब SC सुनवाई कर रहा तो यहां क्या जरूरत

Monday, Sep 04, 2017 - 08:30 PM (IST)

नई दिल्लीः मैरिटल रेप को अपराध की श्रेणी में शामिल करने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से पूछा है कि अगर ऐसी ही याचिका पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही सुनवाई कर रहा है तो फिर हाइकोर्ट मे सुनवाई की क्या ज़रूरत है। लिहाजा इस पर सुनवाई की ज़रूरत नहीं है, अगर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका उन्ही बिंदुओं पर है तो।

हाइकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में मैरिटल रेप केस पर बहस कर रहे वकीलों को अगली सुनवाई पर हाइकोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं। ताकी ये साफ हो सके कि सुप्रीम कोर्ट में मैरिटल रेप पर किन बिन्दुओं पर सुनवाई हो रही है। अब इस याचिका पर हाइकोर्ट अगली सुनवाई 8 सितंबर को करेगा।

इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान इस मामले में याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील कोलिन गोंजाल्विस ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि शादी का यह मतलब नहीं है कि औरतों को दास बना दिया जाए।

नेपाल जैसे देश में भी सुप्रीम कोर्ट ने 2001 में यह साफ कर दिया था कि अगर शादी के बाद कोई व्यक्ति अपनी बीवी का बलात्कार करता है तो यह उस महिला की स्वतंत्रता का हनन है। इस मामले में याचिकाकर्ता ने सोमवार को कोर्ट में कई यूरोपियन देशों के सुप्रीम कोर्ट के आदेश भी मैरिटल रेप पर पढ़ कर सुनाए, जिसमें यूएस कोर्ट से लेकर नेपाल की सुप्रीम कोर्ट तक शामिल थी।

Advertising