दिल्ली सरकार ने ढूंढ निकाला पराली जलाने का किफायती उपाय, केजरीवाल बोले- अब राज्य नहीं बना सकेंगे बहाना

Wednesday, Nov 04, 2020 - 04:52 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि पूसा द्वारा तैयार ‘बायो डीकम्पोजर' (एक प्रकार का घोल) दिल्ली में सफल है और उनकी सरकार उच्चतम न्यायालय को बताएगी कि पराली को जलाने से रोकने का यह एक प्रभावी तरीका है। केजरीवाल ने उत्तर दिल्ली के हीरांकी गांव में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि दिल्ली ने कृषि अपशिष्ट को जलाने की समस्या का समाधान तलाश लिया है और अब कोई राज्य बहाना नहीं बना सकता है।

 

पूसा बायो डीकम्पोजर सफल रहा: केजरीवाल 
पूसा बायो डीकम्पोजर को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा ने विकसित किया है जो कृषि अपशिष्ट को 15 से 20 दिन में खाद में तब्दील कर देता है जिससे उन्हें जलाने की जरूरत नहीं होगी। पूसा बायो डीकम्पोजर का छिड़काव नरेला के हीरांकी गांव में गैर बासमती धान के खेतों में मुफ्त में किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूसा बायो डीकम्पोजर सफल रहा है। इसने पराली और कृषि अपशिष्ट को पूरी तरह से सड़ाकर खाद में तब्दील कर दिया है। किसान अब अपने खेतों में अगली फसल की बुआई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम उच्चतम न्यायालय को भी बताने जा रहे हैं कि यह पराली को जलाने से रोकने का प्रभावी तरीका है।

 

अब राज्य नहीं बना सकेंगे बहाना: केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोगों और पूसा संस्थान ने पराली जलाने का किफायती उपाय ढूंढ़ लिया है। मुझे उम्मीद है कि यह आखिरी साल होगा जब हम इसे (पराली जलाने से प्रदूषण) बर्दाश्त करेंगे। अब राज्य बहाना नहीं बना सकेंगे। उन्होंने कहा कि इससे पहले उन्होंने पूसा बायो डीकम्पोजर के बारे में बताने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेडकर से फोन पर बात की थी। 

vasudha

Advertising