दिल्ली सरकार का महा अभियान शुरू, केजरीवाल बोले- आज से हम प्रदूषण के खिलाफ छेड़ रहे हैं युद्ध

Monday, Oct 05, 2020 - 02:07 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली में सर्दियों में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया है, जिसके तहत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महाअभियान की शुरूआत कर दी है। उन्होंने इस अभियान की शुरूआत करते हुए कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर इस साल वायु प्रदूषण जानलेवा हो सकता है।

केजरीवाल ने कहा कि आज से हम प्रदूषण के खिलाफ युद्ध छेड़ रहे हैं। हम "युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध" अभियान शुरू कर रहे हैं। हमें आप सभी का सहयोग चाहिए। उन्होंने बताया कि धूल उत्सर्जन को कम करने के लिए निर्माणाधीन स्थलों के निरीक्षण, गड्ढों को भरने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि एक ‘ग्रीन डेल्ही' एप बनाई जा रही है, लोग इसका इस्तेमाल प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों की जानकारी हमें देने के लिए कर सकते हैं। 

 

मुख्यमंत्री ने आज दिल्ली सचिवालय में सभी विभाग और एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें इस बैठक में पर्यावरण, लोक निर्माण विभाग, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारी शामिल हुए। बता दें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद 10 प्राथमिकता वाले काम गिनाए थे। इसमें प्रदूषण की समस्या से दिल्ली के लोगों को निजात दिलाना भी शामिल है।  पर्यावरण के क्ष्रेत्र में काम करने वाली एजेसियों की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के अलग-अलग कारक है। इसमें 39 प्रतिशत वाहनों के निकलने वाले धुएं, 22 प्रतिशत औद्योगिक इकाईयों का धुआं, 18 प्रतिशत हवा के साथ आने वाली धूल, 6 प्रतिशत रिहायशी इलाकों के प्रदूषण, 3 प्रतिशत ऊर्जा संयंत्रों से निकलने वाला धुआं और 12 प्रतिशत प्रदूषण के अन्य कारण है।

प्रदूषण विषय पर केजरीवाल को जर्मन से निमंत्रण
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 7 अक्तूबर को प्रतिष्ठित मंच ‘डेयरिंग सिटीज 2020’ में दुनियाभर के पांच शहरी नेताओं के बीच बोलने के लिए आमंत्रित किया गया है। इस सम्मेलन की मेजबानी जर्मन सरकार के सहयोग से आईसीएलईएआई और जर्मनी के बॉन शहर द्वारा की जा रही है। विशेषकर कोविड-19 महामारी के संदर्भ में ‘डेयरिंग सिटीज’ जलवायु परिवर्तन पर शहरी नेताओं का एक वैश्विक मंच है। मुख्यमंत्री केजरीवाल को जलवायु आपातकाल और पर्यावरणीय स्थिरता से निपटने के लिए की गई बहुस्तरीय कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए बोगोटा (कोलंबिया), साओ पाओलो (ब्राजील), लॉस एंगल्स (यूएसए) और एंटेब्बे (युगांडा) के शहरी नेताओं और निर्णयकर्ताओं के साथ आमंत्रित किया गया है। 


यह कार्यक्रम इन पांचों डेयरिंग अर्बन नेताओं के रूप में पहचाना जाता है, जो जलवायु के संबंध में कड़ी कार्रवाई करने के लिए अपने स्थानीय संदर्भों द्वारा लगाई गई सीमा से परे जा रहे हैं।  मुख्यमंत्री केजरीवाल इस बात पर अपना वक्तव्य देंगे कि किस तरह दिल्ली ने वायु प्रदूषण के संकट का समाधान करने के लिए पूसा इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित की गई नई तकनीक डीकंपोजर और भारत में अपनी तरह की पहली ईवी नीति को लागू करके मौजूदा जलवायु आपातकाल से निपटने के लिए कदम उठाया है। पूर्ण सत्र में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और संघीय मंत्री पर्यावरण, प्रकृति संरक्षण और परमाणु सुरक्षा (बीएमयू), जर्मनी के एच.ई. स्वेंजा शुल्जे के मुख्य भाषण भी शामिल होंगे।
 

vasudha

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