Jitendra Mahajan Interview: दिल्ली को विश्वस्तरीय राजधानी बनाएंगी डबल इंजन सरकार
punjabkesari.in Friday, Jan 10, 2025 - 11:54 AM (IST)
Delhi Assembly Election 2025 : दिल्ली से भाजपा विधायक एवं रोहतास नगर से विधानसभा उम्मीदवार जितेंद्र महाजन (Jitendra Mahajan ) ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की है। पेश हैं विशेष साक्षात्कार के मुख्य अंश...
सवाल- वर्ष 2020 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 70 में से 8 सीटें ही जीत पाई थी। इनमें से एक सीट रोहतास नगर से आप जीते थे। पांच साल का कार्यकाल कैसा रहा? किस तरह के अनुभव रहे?
जबाव- 2020 चुनाव के बाद कोरोना से सामना हुआ। यमुना पार में सांप्रदायिक दंगे हुए। विधायक बनते ही ऐसी विकट स्थितियों से सामना हुआ। हमने लोगों के लिए इलाज व खाने की व्यवस्था की। पूरा रोहतास नगर पहले दंगों से निपटा और कोरोना का भी अच्छे से सामना किया। इसके लिए मैं अपने विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का धन्यवाद करता हूं। ढाई-तीन साल का समय जो क्षेत्र में विकास का काम करने के लिए मिला। इस दौरान जो भी काम हो सकते थे, वह हमने किए। एक नए यूजीआर का प्रस्ताव हमने पास किया। अभी कई समस्याएं हैं, जिसके लिए हमने संघर्ष किया, लेकिन उसे दूर नहीं कर पाए।
सवाल- आम आदमी पार्टी की सरकार का दावा है कि उसने बहुत सारे विकास के कार्य किए। आपके क्षेत्र की बड़ी समस्याएं कौन सी हैं, जिनसे रूबरू हो रहे हैं?
जबाव- पूरी दिल्ली में गंदे पानी की समस्या है। पानी आ नहीं रहा, आता है तो गंदा आता है। 22-22 गज के मकान में रहने वाले लोगों के पास पानी व बिजली के भारी-भारी बिल आ रहे हैं। लोगों में आक्रोश है और वे सवाल कर रहे हैं कि आखिर दिल्ली में पीने के पानी की व्यवस्था कब दुरुस्त होगी। पिछले 11 साल में दिल्ली की आबादी बढ़ी, मगर पीने के पानी की व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया। रोहतास नगर में नत्थू कॉलोनी,, अशोक नगर कॉलोनी में दिक्कतें हैं। अंडरपास का मुद्दा है। सड़कों पर अतिक्रमण का मुद्दा है।
सवाल- जब विधानसभा का सत्र चलता था तो विभिन्न मुद्दों पर भाजपा विधायक विरोध प्रदर्शन करते थे। कई बार मार्शल द्वारा आप सबको बाहर कर दिया जाता था। कैसा संघर्ष रहा पांच साल के दौरान?
जबाव- हम जिन विषयों पर चर्चा करना चाहते थे, उसके लिए अनुमति नहीं मिलती थी। जिन विषयों का दिल्ली के लोगों का कोई सरोकार नहीं होता था, सरकार सदन में उन पर चर्चा कराती थी। सरकार पीने के पानी पर, प्रदूषण पर, शिक्षा पर, अस्पताल की स्थिति को लेकर सदन में चर्चा कराना ही नहीं चाहती थी। दो-दो दिन का सत्र बुलाया जाता था। क्या इन दो दिनों में दिल्ली के मुद्दों पर चर्चा नहीं होनी चाहिए थी।
सवाल- सीएजी की रिपोर्ट को लेकर भाजपा काफी अक्रामक है। जबकि आम आदमी पार्टी का कहना है कि जब तक सीएजी रिपोर्ट टेबल नहीं होती, तब तक इसको लेकर कोई भी बात कैसे की जा सकती है?
जबाव- मैं कहता हूं कि आखिर सरकार सीएजी रिपोर्ट से बच क्यों रही है। सीएजी रिपोर्ट सदन में पेश हो इसको लेकर विपक्ष को माननीय हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। ऐसा ऐसा देश के इतिहास में कभी हुआ है क्या? करदाता के पैसे का क्या उपयोग हो रहा है, सरकार की योजना पर जो पैसा खर्च हो रहा है क्या उसका आडिट नहीं होनी चाहिए। क्या इसकी जानकारी दिल्ली के लोगों को नहीं होनी चाहिए कि आखिर टैक्स के पैसे को दिल्ली के विकास में कितना लगाया गया। उपराज्यपाल ने सरकार को लिखित में दिया कि इस रिपोर्ट को पेश करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए, उसके बावजूद भी सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंगी। इसका मतलब है कि दाला में कुछ काला तो है। एक मुख्यमंत्री के रूप में शीशमहल के नाम पर जनता के पैसे का दुरूपयोग किया। साधारण सा कहने वाला व्यक्ति शीशमहल में रहा। लेकिन, दिल्ली की जनता को पीने का पानी नहीं दिया। दिल्ली में सरकारी ठेके खोले गए और आबकारी नीति में गोलमाल किया गया, पूरा देश उसे देख रहा है। दिल्ली की जनता ने देखा, दिल्ली के मुख्यमंत्री रहते हुए अरविंद केजरीवाल जेल गए।
सवाल- आम आदमी पार्टी का कहना है कि कहीं कोई घोटाला नहीं हुआ है। सिर्फ भाजपा का षड्यंत्र था, जिसके तहत उनके नेताओं को ईडी, सीबीआई द्वारा फंसाया गया। भाजपा चाहती ही नहीं कि आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता के लिए कुछ करे?
जबाव- दिल्ली की आबकारी नीति में घोटाले के आरोप का मामला माननीय हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट तक गया। कोर्ट ने माना है कि ऐसे सबूत उपलब्ध हैं कि जिनकी जांच करने की जरूरत है। और अगर कोई घोटाला नहीं तो आप के नेता परेशान क्यों होते हैं। कोर्ट में सुनवाई चल रही है, सच सामने आएगा ही। दिल्ली को बर्बाद करने की नीति थी। दिल्ली वालों को नशे में धकेलना चाहते थे। आबकारी की नई नीति बनाई, लेकिन प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना नहीं लागू की। अब संजीवनी योजना लाने का वादा करके नाटक कर रहे हैं। अरे सरकार में 11 साल से हैं, अब तक क्यों नहीं किया। बीते मार्च में ही महिलाओं को 1000 देने का वादा किया था, पर दिया नहीं। अब 2100 का नया वादा कर दिया। वह भी चुनाव के बाद देने का वादा।
सवाल- दिल्ली में अब चुनावी बयार तेज हो गई है, क्या लग रहा है आपको। कैसी स्थिति होने जा रही है?
जबाव- मुझे लगता है कि दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल का असली चेहरा पहचान चुकी है। दिल्ली की जनता मन बनाकर बैठी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो देश का विकास हो रहा है, उसी धारा से हमें भी जुड़ना है।
सवाल- आप का तो यह दावा है कि महिला सम्मान राशि योजना में लाखों महिलाओं ने पंजीकरण कराया। जनता उनके साथ है?
जबाव- महिलाओं का समर्थन उन्हें पहले भी मिला था। लेकिन उन्होंने पिछले 11 सालों में महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया। आज चुनाव आ गया है तो महिला सम्मान राशि की बात हो रही है। महिला सम्मान राशि की घोषणा उन्होंने पिछले बजट में की थी। पंजाब में भी की थी, लेकिन ना वहां दिया और ना ही यहां। बस वादा ही है, देना नहीं है। पंजाब की महिलाएं तो दिल्ली तक आ गईं सम्मान राशि लेने के लिए। लेकिन, उनकी बात तक नहीं सुनी गई।
सवाल- आप का दावा है कि अरविंद केजरीवाल जो कहते हैं वह करते हैं। महिला सम्मान राशि भी देंगे और पुजारियों व ग्रंथियों को मानदेय देने भी दिया जाएगा?
जबाव- अरविंद केजरीवाल जो कहते हैं वे करते हैं यह सरासर झूठ है। केजरीवाल ने जनता से वादा किया था कि यमुना इतनी साफ कर देंगे कि लोग यमुना में डुबकी लगाएंगे। आचमन करेंगे, लेकिन किया नहीं। ट्रांसपोर्ट सिस्टम को वर्ल्ड क्लास बनाने की बात की थी, लेकिन पिछले 8 साल में वे एक भी बस खरीद नहीं पाए। नया स्कूल या कॉलेज भी नहीं बनाया। बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था देने की बात की थी, लेकिन कुछ नहीं किया है। संविदा कर्मचारियों को पक्का करने की बात की थी, वह भी नहीं किया।
सवाल- आप लोगों की क्या योजना है, विशेष कर आपके विधानसभा क्षेत्र रोहतास नगर की बात करें तो क्या कुछ करने की योजना है?
जबाव- रोहतास नगर विधानसभा में महिला सशिक्तकरण का काम किया मैंने किया। आज ढाई सौ महिलाएं अपने दमपर अपने पैरों पर खड़ी हैं। अपने परिवर का पालन पोषण कर रही हैं। उन ढाई सौ परिवारों को हमें एक हजार परिवार करना है। नत्थू फ्लाईओवर जिसका काम 8 साल से बंद है, उसे चालू कराकर पूरा कराना है। अशोक नगर अंडर पास का निर्माण करवाना है। पेयजल दिक्कत व अतिक्रमण आदि को दूर कराना है।
सवाल- भाजपा की सरकार आती है तो दिल्ली में आम आदमी पार्टी के द्वारा शुरू की गईं योजनाओं को आप बंद कर देंगे, या कोई अन्य प्लान है?
जबाव- दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा दिल्लीवासियों को अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा गया, जिनमें कुछ योजनाएं लोगों तक पहुंच रहीं है और कई योजनाओं को केजरीवाल की तानाशाही में प्रतिबंधित कर दिया गया है। ऐसी तानाशाही सरकार में जनता त्रस्त है। और हां जो दिल्ली के हित में होगा वो भाजपा सत्ता में आने के बाद पूरजोर तरीके से काम करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया है कि दिल्ली में जो भी कल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं उनको चालू रखा जाएगा। साथ ही उन्हें और बेहतर किया जाएगा। दिल्ली के विकास की गति तेज की जाएगी। दिल्ली देश की राजधानी है उसे विश्व स्तरीय राजधानी बनाने का काम किया जाएगा। यह वादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है तो वह इसे करके भी दिखाएंगे। भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी जो वादा किया उसे 100 फीसदी पूरा किया। इसीके तहत दिल्ली में झुग्गी झोपड़ी वालों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए फ्लैट की चाभी सौंपी।
भाजपा प्रत्याशी जितेंद्र महाजन के 'वक्तव्य'...
कभी हुआ करते थे 30-30 दिन के सत्र, अब 2-2 दिन में निपटा दिए जाते हैं
पुराने लोग बताते हैं कि मदनलाल खुराना के समय में तीस-तीस दिन का सत्र होता था। दिल्ली के मुद्दे पर चर्चा होती थी। दिल्ली कैसे आगे बढ़े, पक्ष व विपक्ष मिलकर इस पर चर्चा करते थे। मगर यहां तो सत्र ही दो दिन का होता था। निर्वाचित विधायकों को प्रश्नकाल की अनुमति नहीं थी। प्रश्नकाल रखा ही नहीं जाता था।
सरकार को लगता था कि प्रश्नकाल रखा गया तो हमें जवाब देना पड़ेगा। सरकार दिल्ली के किसी भी विषय पर जैसे यमुना सफाई, अस्पताल, राशन कार्ड, बुजुर्गों की पेंशन या फिर आयुष्मान योजना लागू होने का मुद्दा हो, सरकार किसी भी मुद्दे पर सदन में चर्चा कराना ही नहीं चाहती थी। इस कारण जब हम विरोध करते थे तो स्पीकर मार्शल द्वारा हमें बाहर निकलवा देते थे। दिल्ली में न्यूनतम वेज लागू कर रखा है, लेकिन कितने लोगों को न्यूनतम वेज मिल रहा है। लोगों का शोषण हो रहा है। वेतन 16 हजार है, लेकिन लोग दस-दस हजार रुपए वेतन पर ठेकेदारी प्रथा के तहत काम कर रहे हैं। हम उस पर चर्चा करना चाहते थे, पर दिल्ली सरकार ये नहीं करना चाहती। सरकार ऐसे सभी मुद्दों से बचने का काम करती रही।
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