दिल्ली की हवा में घुला जहर, प्रदूषण से बुरे हाल..लोगों को खांसी-सर्दी और सिरदर्द की शिकायत

Wednesday, Nov 11, 2020 - 10:19 AM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली में वायु गुणवत्ता की स्थिति असामान्य है और वायु प्रदूषण के गंभीर की श्रेणी से बाहर आने की निकट समय में कोई संभावना नहीं है। पृथ्वी-विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली सफर के मुताबिक, इस स्थिति के लिए तीन कारक जिम्मेदार हैं, जिनमें माध्यमिक कणों का एकत्र होना, हवा की बेहद धीमी रफ्तार और पराली जलाने संबंधी प्रदूषण शामिल है। खराब हवा के कारण दिल्ली और उसके आसपास के शहर गैस चैम्बर बन गए हैं। दिल्ली में लोग प्रदूषण से जुड़ी दिक्कतों से परेशान हैं। लोगों को खांसी, सर्दी, गले में खराश, सिरदर्द, आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत की समस्या हो रही है।

दिल्ली के बाद नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गुरुग्राम में भी लोग प्रदूषण से परेशान हैं। क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि वायु प्रदूषण का मुख्य कारण महंगी डीजल गाड़ियों से निकलने वाला धुआं, निर्माण गतिविधियों और सड़कों पर से उड़ने वाली धूल है, जबकि पड़ोसी राज्यों में जलाई जा रही पराली भी इसका एक मूल कारण है। बता दें कि मंगलवार को दिल्ली में इतना प्रदूषण था कि दिन में भी अंधेरा छाया रहा। दिल्ली में सुबह-सुबह धूमकोहरा छाए रहने के साथ ही सूरज आसमान से नदारद रहा और इसके साथ ही मंगलवार को वायु गुणवत्ता आपात स्तर के बेहद करीब पहुंच गई।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह दृश्यता केवल 300 मीटर थी, जिससे यातायात काफी प्रभावित हुआ। वहीं दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच कोरोना का खतरा भी दोगुणा हो गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने देशभर में खराब या बदतर हवा की गुणवत्ता वाले शहरों में 7 से 30 नवंबर के बीच सभी प्रकार के पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसका मकसद त्योहारी सीजन में प्रदूषण के स्तर को कम रखना है।

Seema Sharma

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