जनवरी के बाद पहली बार बेहद गंभीर हुई दिल्ली की हवा, राजधानी में हेल्थ इमरजेंसी घोषित

Friday, Nov 01, 2019 - 01:49 PM (IST)

नई दिल्ली: देश की राजधानी पर छायी जहरीली धुंध की चादर शुक्रवार को सुबह और गहरी हो गई। रात भर में प्रदूषण का स्तर लगभग 50 अंक बढ़ गया और समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 459 पर पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के एक अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष जनवरी के बाद से गुरुवार की रात पहली बार एक्यूआई ‘बेहद गंभीर' और ‘आपात' श्रेणी में पहुंच गया। वहीं दिल्ली में हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। पूरी सर्दी दिल्ली में पटाखे चलाने पर रोक लगा दी गई है तो वहीं 5 नंवबर तक निर्माण कार्य रोकने को कहा गया है।

48 घंटे में नहीं बदले हालात तो उठाए जाएंगे कई कदम
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, रात साढ़े बारह बजे समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 582 पर पहुंच गया। अधिकारी ने बताया कि यदि वायु गुणवत्ता 48 घंटे से अधिक अवधि तक ‘बेहद गंभीर' श्रेणी में बनी रहती है तो ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के तहत आपात उपाय किए जाते हैं

  • ऑड-ईवन योजना
  • ट्रकों के प्रवेश पर रोक
  • निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध
  • स्कूल बंद करना आदि।

जानिए कहां क्या स्थिति

  • सुबह साढ़े आठ बजे, राजधानी का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 459 था, जो गुरुवार की रात आठ बजे 410 दर्ज किया गया था।
  • दिल्ली में स्थित सभी 37 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों ने शुक्रवार की सुबह दिल्ली का एक्यूआई ‘‘बेहद गंभीर'' श्रेणी में दर्ज किया।
  • बवाना सर्वाधिक प्रदूषित इलाका रहा जहां एक्यूआई 497 दर्ज किया गया।
  • 487 एक्यूआई के साथ दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी दूसरे नंबर पर रहा।
  • वजीरपुर में एक्यूआई 485
  • आनंद विहार में 484
  • विवेक विहार में 482 दर्ज किया गया।
  • देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहर गाजियाबाद में पीएम 2.5 का स्तर 493 रहा।
  • ग्रेटर नोएडा (480), नोएडा (477)
  • फरीदाबाद (432) में भी हवा में प्रदूषण का स्तर काफी अधिक रहा।


ऐसे तय होता है AQI

  • 0-50 इसे ‘‘अच्छी'' श्रेणी का माना जाता है।
  • 51-100 को ‘‘संतोषजनक''
  • 101-200 को ‘‘मध्यम''
  • 201-300 को ‘‘खराब''
  • 301-400 को ‘‘अत्यंत खराब''
  • 401-500 को ‘‘गंभीर''
  • 500 से ऊपर एक्यूआई को ‘‘बेहद गंभीर एवं आपात'' श्रेणी का माना जाता है।



डॉक्टरों की एडवाइजरी
सर गंगाराम अस्पताल में फेफड़ों के शल्य चिकित्सक डॉ अरविंद कुमार ने कहा, ‘‘प्रदूषित वायु का 22 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हिस्सा श्वांस के साथ शरीर में जाने पर यह एक सिगरेट पीने के बराबर होता है। ऐसे में पीएम 2.5 का स्तर 700 हो या 300 हो, इसका प्रभाव बहुत बुरा होता है। लोगों को एहतियात बरतनी चाहिए खासकर उन लोगों को जो अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या श्वास संबंधी अन्य रोगों से पीड़ित हैं। डॉक्टरों ने ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी और मॉस्क पहनकर बाहर निकलने को कहा है। सासं की दिक्कत वालों को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है।

वहीं मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी क्षेत्र का रुख कर रहा है जिससे हवा की गति बढ़ेगी और शनिवार से प्रदूषक तत्व तितर-बितर होने लगेंगे।

 

स्कूल बंद करने की मांग
कई अभिभावकों ने ट्विटर के माध्यम से दिल्ली सरकार से स्कूल बंद करने का अनुरोध किया है। दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को सुबह दिल्ली में स्कूली छात्रों के बीच 50 लाख एन-95 मास्क का वितरण शुरू कर दिया है।

Seema Sharma

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