LG का केजरीवाल सरकार को झटका, लौटाई MLA फंड वृद्धि की फाइल

Friday, Oct 28, 2016 - 12:01 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली में विधायकों को एमएलए फंड के नाम पर दस करोड़ मिलने का मामला फिलहाल लटक गया है। जानकारी के मुताबिक, उपराज्यपाल के सचिव विजय कुमार ने 20 अक्टूबर को इस मामले की फाइल वापस भेज दी है, जिसमें सरकार से तीन सवाल पूछे गए हैं।

बाकी राज्यों में मिलता है कितना पैसा
पहला सवाल ये पूछा गया है कि एमएलए फंड या संबंधित स्कीम में बाकी राज्य अपने विधायकों को कितना पैसा देते हैं। यानी इस बात की जानकारी के लिए दिल्ली सरकार को हर राज्य सरकार को चिट्ठी लिखनी होगी और उनसे एमएलए फंड की जानकारी लेनी होगी, यानी इसमें वक्त लगने की संभावना है।

विधायकों से मांगा पुराना हिसाब
दूसरा सवाल पूछा गया है कि पिछले वित्तीय साल यानी साल 2015-16 और इस वित्तीय साल यानी वर्ष 2016-17 में कितना फंड खर्च किया गया है। सूत्रों की मानें तो विधायकों ने अभी तक इस साल और पिछले साल में खर्च किए गए फंड का दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग को पूरा ब्यौरा नहीं दिया है।यानी शहरी विकास विभाग को इस सवाल का जवाब देने के लिए तमाम विधायकों से हिसाब मांगना होगा, जिसे देने में भी विधायकों को वक्त लगेगा।

सरकारी की स्कीम पर मांगी जानकारी
केजरीवाल सरकार से एलजी ऑफिस ने तीसरा सवाल ये पूछा है कि क्या एमएलए फंड जैसी कोई दूसरी और स्कीम भी दिल्ली सरकार चला रही है, जिसमें फंड एमएलए के जरिए ही खर्च होते हैं? अगर हां, तो उनके बारे में भी सरकार से विस्तार में जानकारी मांगी गई है।

दिल्ली कैबिनेट ने पास किया था प्रस्ताव
दरअसल, दिल्ली की कैबिनेट ने 31 अगस्त को एक प्रस्ताव पारित कर दिल्ली के हर विधायक को इस वित्तीय साल में 10 करोड़ और फंड देने का फैसला लिया था, जिसका इस्तेमाल सड़क और स्ट्रीट लाइट लगवाने में किया जाना था। अगले साल एमसीडी चुनाव होने हैं और इसलिए विधायक फंड को लेकर दिल्ली सरकार का प्रस्ताव काफी अहम था, क्योंकि इसके जरिए विधायक अपने इलाकों में पैसा खर्च करके सियासी फायदा उठा सकते थे। लेकिन अब उपराज्यपाल के सवालों से एक बात तो साफ है कि इस स्कीम को जल्दी लागू करवाना मुश्किल होगा।

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