डिफेंस मिनिस्ट्री ने सरकार से 20 हजार करोड़ का और मांगा बजट

Wednesday, Aug 09, 2017 - 07:53 PM (IST)

नई दिल्लीः डिफेंस मिनिस्ट्री ने फाइनेंस मिनिस्ट्री से 20 हजार करोड़ रुपए का एडिश्नल बजट और मांगा है। डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा है कि उसे ये फंड नए हथियारों की खरीद के लिए चाहिए। न्यूज एजेंसी ने डिफेंस मिनिस्ट्री के ऑफिशियल सोर्सेस के हवाले से यह खबर दी है। सरकार ने पिछले महीने आर्मी को ये अधिकार दिया था कि वो किसी भी छोटी जंग की तैयारी के लिए हथियार और हार्डवेयर की खरीद कर सकती है। 20 हजार का एडिश्नल फंड इसी तथ्य के मद्देनजर मांगा गया है। 

बजट का चीन विवाद से नहीं संबंध 
केंद्र सरकार ने इस साल के बजट में डिफेंस के लिए 2.47 लाख करोड़ अलॉट किए थे। अब डिफेंस मिनिस्ट्री ने जो 20 हजार करोड़ रुपए मांगे हैं वो अलॉटेड बजट से अलग हैं। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहा कि इस मुद्दे का (एडिश्नल बजट की डिमांड का) चीन के साथ चल रहे विवाद से कोई संबंध नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, डिफेंस इम्पोर्ट्स को कस्टम से मिलने वाली छूट खत्म कर देने की वजह से आर्मी को एडिश्नल फंड्स की जरूरत हो रही है। 

फाइनेंस मिनिस्ट्री कर रही है विचार
सूत्रों के मुताबिक, फाइनेंस मिनिस्ट्री डिफेंस मिनिस्ट्री की इस डिमांड पर विचार कर रही है। इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। खास बात ये है कि अरुण जेटली के पास फाइनेंस मिनिस्ट्री के साथ ही डिफेंस मिनिस्ट्री का भी एडिश्नल चार्ज भी है। लिहाजा, इस प्रोसीजर को वो समझते हैं और इसी वजह से इस पर फैसला जल्द लिया जा सकता है।

सेना को सौंप दिया है अधिकार
पिछले महीने ही सरकार ने आर्मी को ये अधिकार दिया था कि वो जरूरी हथियारों या हार्डवेयर की खरीद का फैसला खुद कर सकती है। इसके लिए वाइस चीफ ऑफ आर्मी को फुल फाइनेंशियल पॉवर दी गईं है। वो हथियारों और 10 तरह के वेपन सिस्टम के लिए स्पेयर पार्ट्स खरीद सकते हैं।

दो मोर्चों को संभाल रही है सेना
फिलहाल, भारतीय सेना दो मोर्चों पर दुश्मनों का सामना कर रही है। एलओसी पर पाकिस्तान की तरफ से आतंकी घुसपैठ की कोशिशें और सीजफायर वॉयलेशन आम बात हो चली है। भारतीय सेना को इसका जवाब देना होता है। दूसरी तरफ, सिक्किम के ट्राइजंक्शन इलाके में भारत और चीन के सैनिक एक महीने से ज्यादा वक्त से आमने-सामने हैं। चीन बार-बार भारत को मिलिट्री एक्शन की धमकी दे रहा है। 
 

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