सेना की ताकत देखने जैसलमेर पहुंचीं रक्षा मंत्री, पाक सीमा के पास अर्जुन टैंक पर हुईं सवार

Sunday, Sep 24, 2017 - 11:39 AM (IST)

नई दिल्लीः रक्षा मंत्रालय की बागडोर संभालते ही रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण काफी एक्टिव हो गई हैं। पदभार संभालते ही उन्होंने कहा था कि वे सभी सैन्य शिविरों का दौरा करना चाहती हैं ताकि जवानों को आ रही मुश्किलों से रू-ब-रू हो सकें। इसी के तहत वे शनिवार को भारत-पाकिस्तान सीमा पर पहुंचीं, जहां उन्होंने देश की सैन्य तैयारियों का जायजा लिया।

उन्होंने जैसलमेर की पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय सेना की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए की जा रही सैन्य तैयारियों को देखा और दुनिया की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली गन एटीएजीएस का प्रदर्शन भी देखा।

इस गन को पूना स्थित डीआरडीओ ने विकसित किया है और यह पूरी तरह स्वदेशी गन है। इस दौरान उन्होंने डीआरडीओ विशेषज्ञों से इस गन के बारे में जानकारी भी ली। रक्षा मंत्री के साथ सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत, दक्षिणी कमान के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हारिज, सेना और डीआरडीओ के अन्य अधिकारी मौजूद थे।

उन्होंने पोखरण में डीआरडीओ द्वारा विकसित आधुनिक शक्तिशाली थर्ड जनरेशन अपग्रेडेड टैंक अर्जुन मार्क-2 की जबरदस्त फायरिंग क्षमता को भी देखा। वहीं खेतलाई रेंज में डीआरडीओ के बनाए 155 एमएम की देशी गन की खूबीयों के बारे में डीआरडीओ और सैन्यधिकारियों से जानकारी भी हासिल की।

हाल ही में इस गन ने पोखरण रेंज में 47.2 किमी की दूरी तक टारगेट को हिट करने का रिकॉर्ड कायम किया है। बता दें कि रक्षा मंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद सीतारमण ने भारत-पाक सीमा के नजदीक उत्तरलाई वायु सेना स्टेशन का दौरा किया था और वहां उन्होंने पहली बार मिग 21 बाइसन के कॉकपिट में बैठकर इस फाइटर जेट की ताकत को भी समझा था।

उन्होंने वायु सेना स्टेशन पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल का जायजा भी लिया था। सीतारमण 16 साल बाद इस सेंसेटिव एयरबेस पर जाने वाली पहली डिफेंस मिनिस्टर बनीं, उनसे पहले साल 2001 में जॉर्ज फर्नाडीस ने इस एयरबेस का दौरा किया था।

7 सितम्बर को रक्षामंत्री के तौर पर पदभार संभालने वाली निर्मला सीतारमण देश की पहली पूर्णकालिक रक्षा मंत्री हैं।

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