कोरोना वैक्सीन के लिए इस भारतीय ने दांव पर लगाई अपनी जिंदगी

Monday, Jul 13, 2020 - 01:20 PM (IST)

लंदनः दुनिया भर में महामारी बनकर फैल चुके कोरोना वायरस की वैक्‍सीन का लोगों को बेसब्री से इंतजार है। दुनिया भर के लोग जल्‍द से जल्‍द इसकी वैकसीन तैयार होने के इंतजार में है लेकिन एक भारतीय ऐसा भी है जिसने इस वैक्‍सीन के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी है। लंदन में रह रहे भारत के राजस्थान राज्य के जयपुर में जन्‍मे दीपक पालीवाल (42) उन चंद लोगों में से एक हैं जिन्‍होंने कोरोना वैक्‍सीन ट्रायल में बतौर वॉलेंटियर हिस्‍सा लिया। दीपक ने बताया, 'मैं बार-बार सोच रहा था कि कोरोना से जंग में मैं कैसे मदद कर सकता हूं। एक दिन बैठे-बैठे यूं ही ख्याल आया क्यों न दिमाग की जगह शरीर से ही मदद करूं।

मेरे दोस्त ने मुझे बताया था कि ऑक्सफोर्ड में ट्रायल चल रहे हैं, उसके लिए वॉलेंटियर की जरूरत है। बस, मैंने इस ट्रायल के लिए अप्लाई कर दिया।' हयूमन ट्रायल से पहले दीपक को भी इन खतरों के बारे में बताया गया था। दीपक ने कहा, 'मुझे बताया गया कि इस वैक्सीन में 85 फीसदी कंपाउड मेनिंनजाइटिस वैक्सीन से मिलता जुलता है। डॉक्टरों ने बताया कि मैं कोलैप्स भी कर सकता हूं, आर्गन फेलियर का खतरा भी रहता है, जान भी जा सकती है। लेकिन इस प्रक्रिया में डॉक्टर और कई नर्स भी वॉलेटियर थे, जिन्होंने मेरा हौसला बढ़ाया।'

दीपक ने  बताया कि जिस दिन उसे वैक्सीन का पहला शॉट लेने जाना था, उसके व्हॉटसेप पर मैसेज आया कि ट्रायल के दौरान एक वॉलेंटियर की मौत हो गई लेकिन तब भी  वह अपने फैसले पर अड़ा रहा।  दीपक लंदन में एक फार्मा कंपनी में कंसल्‍टेंट के तौर पर काम करते हैं। उनकी पत्‍नी भी फार्मा कंपनी में काम करती हैं। दीपक ने बताया, '16 अप्रैल को मुझे पता चला था कि मैं इस वैक्सीन ट्रायल में वॉलेंटियर कर सकता हूं। जब पत्नी को ये बात बताई तो वो मेरे फैसले के बिलकुल खिलाफ थी। भारत में अपने परिवार वालों को मैंने कुछ नहीं बताया था। जाहिर है वो इस फैसले का विरोध ही करते, इसलिए मैंने केवल अपने नजदीकी दोस्तों से ही ये बात शेयर की थी। '

Tanuja

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