समानांतर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के गठन की घोषणा

Saturday, Mar 17, 2018 - 08:58 PM (IST)

नई दिल्ली : मौलाना कारी मोहम्मद युसूफ अजीजी के नेतृत्व में कई मुस्लिम धार्मिक विद्वानों ने यह दावा करते हुए कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड महज 20 फीसदी मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करता है, शनिवार को समानांतर संगठन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया के गठन की घोषणा की।

इस बोर्ड के अध्यक्ष अजीजी ने कहा कि 80 फीसदी मुसलमान सूफीवाद में यकीन रखते हैं। मौजूदा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सिर्फ ऐसे 20 प्रतिशत मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करता है जो सूफीवाद में यकीन नहीं रखते, इसलिए नया बोर्ड बनाने की जरूरत पड़ी है। उन्होंने बताया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया सिर्फ पारिवारिक मुद्दों को ही नहीं देखेगा। वह सांप्रदायिक सौहार्द, राष्ट्र निर्माण के लिए मुसलमानों की शिक्षा और मुस्लिम लड़कियों को मुख्य धारा में लाने के लिए भी काम करेगा।

अजीजी ने कहा कि नए बोर्ड का मानना है कि सभी समुदाय इंसानियत के जज्बे के साथ जियें। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा वक्फ बोर्ड का सही इस्तेमाल कैसे हो इसे सुनिश्चित किया जाएगा। हमारा ध्यान मुख्य रूप से शिक्षा पर होगा। यह पूछे जाने पर कि मौजूदा बोर्ड भी यही काम कर रहा था अजीजी ने कहा कि यदि उसने यह काम किया होता तो नया बोर्ड बनाने की जरूरत नहीं होती।

उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया दलित मुस्लिमों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 341 का लाभ उन्हें भी दिए जाने की लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ेगा। अजीजी ने बताया कि संगठन की 11 सदस्यीय कोर कमेटी अप्रैल में राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राज्य इकाइयों का गठन करेगी।  

Punjab Kesari

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