निर्भया के दोषियों को मौत का फरमान, तारीखों की जुबानी जानिए पूरी कहानी

Tuesday, Jan 07, 2020 - 06:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली में हुए सनसनीखेज निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड मामले में आखिरकार 7 साल बाद फैसला आ ही गया। पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के चारों दोषियों - मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय सिंह और पवन गुप्ता की फांसी का डेथ वारंट जारी कर दिया है। इन चारों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया जाएगा। निर्भया की मां के साथ साथ पूरे देश ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। तो आइए तारीख बा तारीख जानते हैं कि दर्दनाक दास्तां की पूरी कहानी:-

निर्भया कांड की पूरी कहानी 

 

  • 16 दिसंबर, 2012: दिल्ली के मुनिरका में 6 लोगों ने चलती बस में पैरामेडिकल की छात्रा से गैंगरेप किया जिसमें से एक नाबालिग था। इन लोगों ने दरिंदगी की सारी हदें पार दी। वारदात के वक्त पीड़िता का दोस्त भी बस में था। इन दरिंदों ने उसके साथ भी मारपीट की। इस जघन्य गुनाह को अंजाम देने के बाद इन लोगों ने युवती और दोस्त को चलती बस से बाहर फेंक दिया।

  • 17 दिंसबर, 2012:  दिल्ली पुलिस ने चार आरोपी बस चालक राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता की पहचान की।

  • 18 दिसंबर, 2012: दिल्ली पुलिस ने चारों दोषियों राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।
  • 21 दिसंबर, 2012: पुलिस ने एक नाबालिग आरोपी को दिल्ली के आनंदविहार बस टर्मिनल से गिरफ्तार किया।
  • 22 दिसंबर, 2012: पुलिस मामले में छठे और आखिरी आरोपी अक्षय ठाकुर को बिहार से गिरफ्तार करके दिल्ली लाई।

  • 26 दिंसबर, 2012: इधर निर्भया की हालात लगातार खराब होने के कारण उसे सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ हॉस्पिटल ले जाया गया।
  • 29 दिसंबर, 2012: अपनी जिंदगी के लिए लड़ते-लड़ते आखिर 13वें दिन निर्भया अपनी जिंदगी की जंग हार गई। और सिंगापुर में Organ failure के कारण उसकी मौत हो गई। निर्भया की मां ने बताया कि उनकी बेटी आखिरी दम तक जीना चाहती थी।
  • 3 जनवरी, 2013: पुलिस ने पांचों बालिग दोषियों के खिलाफ हत्या, गैंगरेप, हत्या की कोशिश, अपहरण, डकैती का केस दर्ज करने के बाद चार्जशीट दाख़िल की।
  • 17 जनवरी, 2013: फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पांचों दोषियों पर आरोप तय किए।
  • 28 जनवरी, 2013: जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (JJB) ने छठे आरोपी को नाबालिग बताया।
  • 2 फरवरी, 2013: पांच बालिग दोषियों पर बलात्कार और हत्या समेत कुल 13 अपराधों में शामिल होने का आरोप।

  • 28 फरवरी: जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग पर बलात्कार और हत्या के आरोप लगाए।
  • 11 मार्च, 2013: तिहाड़ जेल में मामले के सबसे उम्रदराज आरोपी राम सिंह ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
  • 5 जुलाई, 2013 : नाबालिग के खिलाफ निशानदेही, जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने 11 जुलाई के लिए फैसला सुरक्षित रखा।
  • 11 जुलाई : जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग आरोपी को निर्भया कांड से कई दिन पहले एक शख्स को भ्रमित करके लूटने के लिए दोषी ठहराया। बोर्ड ने सामूहिक बलात्कार के मामले में 25 जुलाई को अपना फैसला सुनाने की तारीख तय की।
  • 25 जुलाई, 2013 : सुप्रीम कोर्ट में ‘Juvenile यानी नाबालिग’ शब्द की पुन: व्याख्या करने के लिए एक जनहित याचिका डालेजाने के बाद, जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने एक बार फिर अपना फैसला 5 अगस्त के लिए टाल दिया।
  • 19 अगस्त: जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने अपना फैसला 31 अगस्त के लिए टाल दिया।

  • 22 अगस्त: सुप्रीम कोर्ट ने जेजेबी को सामूहिक बलात्कार मामले में फैसला सुनाने की घोषणा की। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने  चारों बालिग आरोपियों के खिलाफ मुकदमे में अंतिम बहस की सुनवाई शुरू कर दी।
  • 31 अगस्त, 2013: जुवेनाइल बोर्ड ने नाबालिग दोषी को गैंगरेप और हत्या का दोषी करार दिया। उसको तीन साल के लिए सुधार गृह में भेज दिया गया।
  • 10 सितंबर, 2013: फास्ट ट्रैक कोर्ट ने चार आरोपियों मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को सभी 13 मामलों में दोषी ठहराया।
  • 13 सितंबर, 2013: फास्ट ट्रैक कोर्ट ने चारों दोषियों मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को मौत की सजा सुनाई। पुष्टि के लिए मामले को हाईकोर्ट के पास भेज दिया।
  • 1 नवंबर, 2013: हाईकोर्ट ने मामले की रोजाना सुनवाई शुरू की।
  • 3 जनवरी, 2014: हाईकोर्ट ने चार दोषियों की मौत की सजा और अपील की पुष्टि करने पर अपना फैसला सुरक्षित रखा।
  • 13 मार्च, 2014: दिल्ली हाईकोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की सज़ा को बरक़रार रखा।
  • 15 मार्च, 2014: सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को फांसी दिए जाने पर लगाई रोक।
  • 2 जून, 2014: हाई कोर्ट के खिलाफ दो दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया।
  • 14 जुलाई, 2014: सुप्रीम कोर्ट ने चार दोषियों में से दो आरोपी अक्षय ठाकुर और विनय शर्मा की मौत की सजा पर रोक लगाई।
  • 18 दिसंबर, 2015: दिल्ली हाईकोर्ट ने नाबालिग की बाल सुधार गृह से रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
  • 20 दिसंबर, 2015: नाबालिग दोषी को बाल सुधार गृह से रिहा कर दिया गया। जिसे लेकर देशभर में व्यापक विरोध-प्रदर्शन हुआ।

  • 27 मार्च, 2016: सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा।
  • 3 अप्रैल, 2016: सुप्रीम कोर्ट ने संवेदनशील मामले की सुनवाई शुरू की।
  • अगस्त 2016: दोषी विनय शर्मा ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या करने की कोशिश की।
  • 27 मार्च: सुप्रीम कोर्ट ने लगभग एक साल की सुनवाई के बाद मामले में फैसला को सुरक्षित रखा।
  • 5 मई, 2017: सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषी मुकेश, विनय, पवन और अक्षय की मौत की सजा को बरकरार रखा और निर्भया कांड को सदमे की सुनामी करार दिया।
  • 9 जुलाई, 2017: सुप्रीम कोर्ट ने दोषी ठहराए गए चार में से तीन आरोपियों की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया।
  • 9 नवंबर, 2017: एक दोषी मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में फांसी की सजा बरकरार रखने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे खारिज कर दिया गया।
  • 13 दिसंबर, 2017: सुप्रीम कोर्ट ने गैंगरेप और हत्या मामले में चारों दोषियों को तत्काल फांसी देने की याचिका को खारिज किया।

  • 31 अक्टूबर, 2019: तिहाड़ जेल अधिकारियों ने दोषियों को सूचित किया कि उन्होंने सभी कानूनी उपायों को समाप्त कर दिया है और राष्ट्रपति को दया याचिका दायर नहीं कर सकते। केवल एक विनय शर्मा ने दया याचिका दायर की।
  • 4 नवंबर, 2019: विनय ने राष्ट्रपति से रहम की अपील की। जिस पर दिल्ली सरकार ने रहम ना करने की सिफारिश के साथ विनय की दया याचिका केंद्र सरकार के जरिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया।
  • 4 दिसंबर, 2019: गृह मंत्रालय को दया याचिका मिली।
  • 6 दिसंबर, 2019: राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘POCSO अधिनियम के तहत बलात्कार के दोषियों को दया याचिका दायर करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।’
  • 7 दिसंबर, 2019: आरोपी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति से दया याचिका की तत्काल वापसी के लिए लिखा।
  • 10 दिसंबर, 2019: चार आरोपियों में से एक अक्षय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में एक समीक्षा याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि शीर्ष अदालत ने उन्हें ऐसी मौत की सजा क्यों दी थी जब उनका जीवन अंततः खराब आबोहवा और दिल्ली के पानी की खराब गुणवत्ता के कारण वैसे ही छोटा होते जा रहा है।
  • 13 दिसंबर, 2019: आरोपी अक्षय ठाकुर की समीक्षा याचिका का विरोध करते हुए,  निर्भया के माता-पिता ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 18 दिसंबर तक मृत्युदंड जारी करने की मांग की।
  • 18 दिंसबर, 2019: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट पर सुनवाई को 7 जनवरी तक के लिए टाल दिया।
  • 7 जनवरी, 2020: सात साल के इंतजार के बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों आरोपियों के लिए डेथ वारंट जारी किया। जिसके तहत 22 जनवरी 2020 को सुबह 7 बजे चारों आरोपियों को फांसी दी जाएगी।  
     

vasudha

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