आतंकरोधी अभियान में किसी सुरक्षाकर्मी या आतंकी की मौत होना खुशी की बात नहीं होती: डीजीपी

Thursday, Jan 03, 2019 - 11:45 AM (IST)

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बुधवार को कहा कि आतंकवाद रोधी अभियान में किसी सुरक्षा कर्मी या आतंकवादी की मौत होना खुशी की बात नहीं होती है। सालाना संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि कश्मीर में 2017 की तुलना में ङ्क्षहसा की घटनाएं 2018 में अधिक थीं, क्योंकि पाकिस्तान में मौजूद आतंकी समूह सीमा पार से दहशतगर्द भेजते रहे। बहरहाल, उन्होंने कहा कि आतंकवाद रोधी अभियान में किसी की भी मौत हो, चाहे वह सुरक्षा कर्मी हो, आतंकवादी हो, या आम नागरिक हो, उसपर गर्व नहीं किया जा सकता है।

सिंह ने पिछले साल सितंबर में ही राज्य के डीजीपी का प्रभार संभाला है। उन्होंने कहा, ‘हमारी कोशिशों के बावजूद, कुछ युवा आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हुए और कुछ मारे भी गए। हमें इसपर दुख और अफसोस है। यह हमारे लिए कोई खुशी की बात नहीं है। हम ङ्क्षहसा के माहौल में है और ङ्क्षहसा, ङ्क्षहसा को जन्म देती है।’ डीजीपी ने कहा, ‘ऐसी परिस्थितियों में, हमें आतंकवाद रोधी अभियान शुरू करने पड़े।

ऐसे अभियानों में चाहे कोई आतंकवादी मारा जाए या किसी सैनिक, पुलिस कर्मी या आम नागरिक की मौत हो, उसकी प्रशंसा नहीं जा सकती है।’ सिंह ने कहा कि पिछले साल बड़ी संख्या में आतंकवादियों को मारा गया है जो शायद कामयाबी है लेकिन यह भी दुखद है कि कई सुरक्षा र्किमयों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने बीते साल 97 आतंकवाद रोधी अभियान चलाए जिसमें से 83 में आम लोगों की जान-माल को कोई नुकसान नहीं हुआ। 
 

Monika Jamwal

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