गुजरात वन विभाग का दावा- आपसी संघर्ष से हुई गिर में शेरों की मौत

Saturday, Sep 22, 2018 - 03:34 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  गुजरात वन विभाग ने राज्य के गिर अभयारण्य में 11 शेरों की मौत को लेकर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि बीते आठ दिनों के दौरान 11 शेरों की मौत आपसी संघर्ष और लीवर की समस्या के कारण हुई और इसमें कुछ गलत नहीं है। अधिकारियों ने जानकारी दी कि गिर (पूर्व) वन क्षेत्र से 11 शेरों के कंकाल मिले थे। इनमें से नौ जहां डलखानिया रेंज में पाए गए वहीं दो जशाधर रेंज से बरामद किये गए। प्रशासनिक लिहाज से गिर के जंगलों को पूर्व और पश्चिमी हिस्सों में बांटा गया है।  

गुजरात सरकार की प्रेस विज्ञप्ति ने कहा कि तीन शेरों की मौत आपसी संघर्ष में हुई जबकि इतने ही शेरों की मौत श्वसन और हेपेटिक (लीवर संबंधी) फेलियर से हुई। पांच अन्य शेरों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का अभी इंतजार है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) जी के सिन्हा ने संवाददाताओं को बताया कि शेरों का अपना इलाका होता है जहां वह समूह के साथ रहता है। जब इलाके का अधिपत्य रखने वाला शेर बूढ़ा हो जाता है या किसी बीमारी या चोट की वजह से कमजोर हो जाता है तो अंदरूनी संघर्ष सामान्य बात है।

सिन्हा ने कहा कि मुख्य रूप से ऐसा लगता है कि शेरों की मौत आपसी संघर्ष की वजह से हुई। शेरों की यह प्रवृत्ति होती है कि वह दूसरे के क्षेत्र में अतिक्रमण करते हैं। अगर कोई शेर झुंड के प्रमुख को हराने में सफल हो जाता है तो वह शावकों को मारने की भी कोशिश करता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा मामले में, हमें दो वयस्क नर शेरों, तीन शेरनियों और छह शावकों के शव मिले हैं।    उन्होंने मौत के पीछे शिकार या इंसान-जानवर संघर्ष की बात को खारिज किया है। 

vasudha

Advertising