आज लक्ष्मी देने वाली हैं धन रूप में अपना आशीर्वाद

Wednesday, Jul 31, 2019 - 07:52 AM (IST)

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य उग्ररूप है, चंद्रमा शांत रूप है। अमावस्या के दिन जब इन दोनों का मिलन होता है, मनुष्य मात्र को पुष्टि, बल, ऐश्वर्य, आरोग्यता, भाग्यवृद्धि आदि प्रदान करता है। अत: इसी दिन धर्म, कर्म और पितरों के नियमित श्राद्ध करने से मनुष्य अनेक ऋणों से मुक्त होता है। यदि मनुष्य के ऊपर विभिन्न प्रकार का कर्ज है तो इसमें स्नान, दान और ध्यान करने से मनुष्य ऋण से मुक्त होकर भूमि, भवन, वाहन तथा रक्त आदि की बीमारियों से मुक्त हो जाता है। बुधवार को पडऩे वाली बुध अमावस्या मनुष्य को विपुल धन प्रदान करती है क्योंकि बुध के अधिदेवता नारायण हैं और नारायण की पत्नी लक्ष्मी अपने पति की पूजा से प्रसन्न होकर जातक को धन रूप में अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

अगर आपको पैसों संबंधी कोई परेशानी आ रही है तो 5 दाने काली मिर्च अपने सिर पर से 7 बार घुमाकर इन दानों को किसी चौराहे या किसी सुनसान स्थान पर ले जाकर चारों दिशाओं में इनमें से  4 दानों को फैंक दें। उसके बाद पांचवें दाने को आसमान की ओर फैंक दें। वापस आते वक्त पीछे मुड़ कर न देखें।

रुका हुआ धन पुन: प्राप्त करने के लिए अमावस्या की रात्रि को एक मिट्टी अथवा आटे का चौमुख दीपक लें, उसमें देसी घी अथवा तिल का तेल भर कर 4 बत्तियां रुई की रख के किसी चौराहे पर अद्र्ध रात्रि को जलाएं। उस दीपक में 3 काले हकीक एक-एक करके जिससे रुपया वापस लेना है उसका नाम लेकर डाल दें। दीपक के ऊपर नागकेसर, जावित्री, काले तिल एक-एक चम्मच भी डाल दें। यह क्रम हर अमावस को करते रहें।

मां लक्ष्मी को अपने पास बुलाने के लिए करें इस मंत्र का जाप- ऊं कां सोस्मितां हिरण्य प्राकाराम्आर्द्रां ज्वलती तृप्तां तर्पयंतीम्। पद्मे स्थितां पद्मवर्णातामिहोपह्रये श्रियम्।।4।।

अर्थात- जिस देवी के स्वरूप का शब्दों से वर्णन नहीं किया जा सकता है, जो मंद-मंद मुस्कुराती हैं। जिनके श्री अंगों में परकोटे के समान स्वर्ण का श्रृंगार हैं, जिनके श्री अंगों की आभा तेजोमयी है, हृदय से दयामयी है, आर्द्र करने वाली हैं। ऐसी कमल जैसे वर्ण वाली कमल पर विराजमान मां लक्ष्मी को अपने पास बुलाता हूं।

Niyati Bhandari

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