दार्जिलिंग में फिर भड़की हिंसा, प्रदर्शनकारियों ने चौकी में लगाई अाग
Saturday, Jul 08, 2017 - 05:03 PM (IST)
दार्जिलिंगः गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (जीएनएलएफ) के कार्यकर्ता ताहसी भूटिया की कथित रूप से सुरक्षा बलों की गोलीबारी में मौत की घटना के बाद दार्जिलिंग हिल्स में आज हिंसा भड़क उठी और गोरखालैंड आंदोलनकारियों ने सोनादा में यातायात पुलिस चौकी में आग लगा दी जिससे एक सिपाही गंभीर रूप से घायल हो गया। आंदोलनकारियों ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एक कार्यालय में भी तोडफ़ोड़ की। पुलिस ने नारी मोर्चा की कार्यकर्ताओं समेत हिंसा पर उतारू भीड़ को खदेडऩे के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और रबर की गोलियां दागी। मौजूदा हालात को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा इंतजाम पुख्ता कर दिए हैं। दूसरी तरफ पृथक गोरखालैंड की मांग को लेकर दार्जिलिंग हिल्स के विभिन्न राजनीतिक दलों के संयुक्त संघ गोरखालैंड आंदोलन समन्वय समिति (जीएमसीसी) के आह्वान पर अनिश्चिकालीन बंद आज 27वें दिन में प्रवेश कर गया।
#WATCH: Darjeeling Himalayan Railway (DHR) Toy train station torched by a group of people in Sonada, #Darjeeling. pic.twitter.com/EkpGvdWC11
— ANI (@ANI_news) July 8, 2017
'सुरक्षाबलों ने किया गोलीबारी का खंडन'
जीएनएलएफ नेता नीरज जिब्बा ने आरोप लगाया कि तुसी की मौत कथित रूप से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल(सीआरपीएफ) की गोलीबारी मेें कल रात करीब 11ः00 बजे उस समय हुई, जब वह दवाएं लेने जा रहा था। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने उस समय गोलियां चलाई, जब कुछ बदमाश एक कार में तोडफ़ोड़ कर रहे थे। जबकि दार्जिलिंग जिला प्रशासन और पुलिस ने सोनादा में सुरक्षाबलों द्वारा गोलीबारी किए जाने का खंडन किया है। मृतक के परिजनों ने इस मामले में सोनादा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। तुसी की मौत की खबर फैलते ही घटना के विरोध में युवकों और महिलाओं का समूह सड़कों और गलियों में उतर आए और यातायात जाम कर दिया।
'युवक की मौत दुर्भाग्यपूर्ण'
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा(जीजेएम) के सहायक सचिव विनय तमांग ने आरोप लगाया कि तुसी की मौत के साथ ही दार्जिलिंग हिल्स में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में अब तक चार गोरखा समर्थक मारे जा चुके हैं। इस बीच राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने सिलीगुड़ी में संवाददाताओं से कहा कि युवक की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है और वह यह नहीं कह सकते कि उसकी मौत कैसे हुई है, लेकिन सोनादा में सुरक्षाबलों द्वारा गोलीबारी नहीं की गई। उन्होंने दावा किया कि सुरक्षाबल, अद्र्ध-सैनिक बल और पुलिस के जवान उकसावे और छिटपुट हमले के बावजूद संयम बरतते हैं और वे कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को बनाये रखते हैं।