दलाई लामा का जवाब, कहा- चीन को नहीं मेरा उत्तराधिकारी चुनने का हक

Thursday, Jul 18, 2019 - 11:57 AM (IST)

नेशनल डेस्क: दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन को लेकर चीन धौंस दिखाने की कोशिश कर रहा है। उसने  कहा कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर कोई भी निर्णय देश के भीतर होना चाहिए। हालांकि बौद्ध धर्मगुरु ने इसका जवाब देते हुए कहा कि चीन के पास मेरे उत्तराधिकारी पर फैसला लेने का हक नहीं है।
 

दलाईलामा ने कहा कि उनके उत्तराधिकारी का फैसला न तो वह और न ही चीन कर सकता है क्योंकि यह उसके क्षेत्राधिकार में नहीं आता है। उन्होंने कहा कि इसका फैसला सिर्फ तिब्बत की जनता करेगी। वर्तमान दलाई लामा के अनुसार, उनके उत्तराधिकारी को चुनने की प्रक्रिया वर्ष 2025 में तब शुरू होगी जब वह 90 वर्ष के हो जाएंगे। उन्होंने अपने एक बयान में कहा था कि राजनीतिक तरीके से चुने गए उम्मीदवार को कोई मान्यता नहीं दी जानी चाहिए, जिसमें चीन गणराज्य के लोग भी शामिल हैं। 


14वें दलाई लामा की आयु 6 जुलाई 2019 को 84 वर्ष पार कर गयी है। तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाई लामा पिछले साठ सालों से भारत में निर्वासित जीवन गुजार रहे हैं। 1959 से ही वो हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं।  हालिया वर्षों में उनके स्वस्थ्य को देखते हुए उनके उनके उत्तराधिकारी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा का उत्तराधिकारी हमेशा उनके गुणों के आधार पर चुना जाता है। लेकिन इन बार के हालातों को देखते हुए लगता है कि भारत और चीन के रिश्तो में फिर से खटास पैदा कर सकती है। 


बता दें कि हाल ही में चीन ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर भारत का दखल स्वीकार नहीं किया जा सकता है। चीन ने कहा था कि दलाई लामा के पुनर्जन्म का निर्णय किसी की निजी इच्छाओं या अन्य देशों में रह रहे कुछ लोगों के समूहों द्वारा नहीं लिया जाना चाहिए। वर्तमान दलाई लामा को चीन के द्वारा मान्यता दी गई थी और उनके उत्तराधिकारी को चीन के अंदर से ही खोजा जाना चाहिए। 

vasudha

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