हाईकोर्ट की मंजूरी के बाद, मुंबई में एक बार फिर होगी गोविंदा आला रे आला की धूम

Tuesday, Aug 15, 2017 - 01:35 AM (IST)

मुंबई: वैसे तो जन्माष्टमी का त्यौहार पुरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन मुंबई में इस त्यौहार को मानाने का तरीका बेहद अलग और रोमांचक है। सुप्रीम कोर्ट की पाबंदी के चलते त्योहार का रंग फीका पड़ गया था लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने 14 साल के बच्चों के मानवी मीनारों में शामिल होने के सिवाय सारी पाबंदियां हटा दी।

कोर्ट के फैसले से दही हांडी उत्सव को आयोजित करने वाले भी काफी खुश हैं और इस साल खेल में शामिल होने वाले गोविंदाओं के लिए बड़ी इनामी राशि की घोषणा कर चुके हैं। ठाणे में 9 मानवी मीनारों बनाने के लिए 11 लाख तो घाटकोपर में कुल इनामी राशि 25 लाख रखी गई है।

मुंबई के अलग-अलग गोविंद मंडलों में जन्माष्टमी के दिन त्यौहार मानाने से ज़्यादा इंसानी मीनारे बनाने की होड़ लग गई क्योंकि इसी से उन्हें लाखों रुपयों की इनामी राशी मिलने लगी और उनके नाम रिकॉर्ड भी दर्ज होते गए। रिकॉर्ड और पैसों ने इस त्यौहार का व्यवसायीकरण किया जिसकी वजह से गोविंदा भी अपनी जान जोखिम में डालने लगे। इन्ही चीज़ों को ध्यान में रखते हुए हाई कोर्ट ने इजाजत देते समय गोविंदा और आयोजकों पर कुछ शर्तें लागू कर दी हैं।
 कोर्ट ने रखी ये शर्त
- चौदह साल के कम उम्र के बच्चे मानवी मीनारों बनाने में शामिल नहीं होंगे।
- आयोजक गोविंदाओं के लिए सेफ़्टी गेयर, जमीन पर गद्दे, हारनेस्ट, एम्बुलेंस का इंतजाम करेंगे।
- गोविंदाओं का मेडिकल इंश्योरेंस होगा।
- आयोजन की जगह पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतज़ाम होंगे।

 

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