आज गिरफ्तार हो सकता है दाती महाराज, पुलिस ने बिछाया जाल

Monday, Jun 18, 2018 - 11:17 AM (IST)

नई दिल्ली(कृष्ण कुणाल सिंह): कयास है कि गिरफ्तारी या अन्य बड़ी कार्रवाई से बचने के लिए दाती मदन सोमवार को कोर्ट में सरेंडर कर सकते हंैं। यही नहीं उनके तीनों शिष्य भी उनके साथ होंगे, लेकिन क्राइम ब्रांच की टीम का दावा है कि उन्हें कोर्ट जाने से पहले ही गिरफ्तार किया जाएगा। क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के मुताबिक उनकी गिरफ्तारी के लिए बॉर्डर और कोर्ट की तरफ आने वाले रास्तों पर बेरिकेट्स लगाकर वाहनों की चेकिंग की जाएगी। पुलिस को दाती मदन के साथ-साथ उसकी महिला सेविका श्रद्धा उर्फ नीतू की भी तलाश है। जिस पर पीड़िता ने काफी गंभीर आरोप लगाए थे। अभी तक पुलिस की जांच ठीक वैसी ही चल रही है जैसे आसाराम बापू को लेकर चल रही थी। 

दाती मदन के कृत्य पर रामदेव का कटाक्ष, बाबाओं को आस्था के साथ योग भी बांटना और करना चाहिए: रेप के विवादों में घिरे दाती मदन प्रकरण पर योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि मुझे आश्चर्य होता है कि आज-कल तथाकथित बाबाओं का मन भी भटक रहा है। उन्होंने ये टिप्पणी हाल में दाती मदन रेप पर की है। बाबा रामदेव ने कहा है कि मुझे आश्चर्य होता है कि आज-कल तथाकथित बाबाओं का मन भी भटक रहा है। इस दौरान उन्होंने बिना किसी का नाम लिए सदाचार की आड़ में कदाचार कर रहे बाबाओं पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि योग हमें दुॢवचार और दुष्कर्म से बचाता है।  योग गुरु ने कहा कि शनि किसी का खराब नहीं होता। लेकिन यह हैरान करने वाली बात है कि बाबाओं का दिल भी इन दिनों बहक रहा है। बता दें कि करीब हाल में 7 बाबाओं के ऐसे कारनामें उजागर हुए हैं जिससे लोगों की आस्था को बहुत ठेस पहुंची, हालांकि उसके बाद भी उनके भक्तों की संख्या में कमी नहीं आई है।

अफवाहों से मुकाबला कर रही पुलिस
पुलिस को न सिर्फ असली दुनिया में अपराधों से लडऩा पड़ रहा है, बल्कि अब उन्हें ङ्क्षहसा पर नियंत्रण के लिए आभासी दुनिया में अफवाहों से भी निपटना होता है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस इकाइयों ने ‘मैसेज’ के माध्यम से अफवाहें फैलाने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण के लिए विभिन्न तंत्र स्थापित किए हैं। इसका नमूना 2016 में हरियाणा का जाट आंदोलन और 2017 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को बलात्कार के मामले में जेल भेजे जाने का मौका था। दोनों मौकों पर बड़े पैमाने पर ङ्क्षहसा हुई थी। इन दोनों घटनाओं के दौरान अधिकारियों को न सिर्फ यह सुनिश्चित करना था कि ङ्क्षहसा की घटनाओं को नियंत्रित किया जाए बल्कि सोशल मीडिया के जरिए असामाजिक तत्वों द्वारा फैलायी जा रही किसी भी अफवाह की भी निगरानी हो।   पुलिस ने साइबर निगरानी बढ़ाने के लिए गुडग़ांव में डिजिटल अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया है।

Anil dev

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