क्वारंटाइन के लिए जारी निर्देशों लेकर उलझे CRPF जवान, बताई ये वजह

Wednesday, Apr 29, 2020 - 08:28 PM (IST)

नई दिल्लीः कोरोना वायरस के कारण सीआरपीएफ के 55 वर्षीय कर्मी की मौत और उनकी बटालियन में करीब 50 जवानों के संक्रमित होने के बीच इस बात को लेकर बल में चिंता पैदा हो गयी है कि महामारी के प्रसार पर काबू के लिए देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल में "दो अलग-अलग'' आदेश जारी किए गए।

सीआरपीएफ के महानिदेशक ए पी माहेश्वरी ने फिर से नए निर्देश जारी किए हैं कि कोरोना वायरस के सभी संदिग्ध मामलों में 14 दिनों का "अनिवार्य" पृथक-वास रखना होगा। हाल ही में यह बात सामने आयी कि अर्धसैनिक बलों के मेडिकल खंड ने अप्रैल में एक अलग आदेश जारी किया। इसमें कहा गया था कि जिस कर्मचारी में इस महामारी के लक्षण नहीं दिख रहे हैं, वे पांच दिनों के पृथक-वास के बाद काम पर लौट सकते हैं।

माहेश्वरी ने कहा कि दिल्ली स्थित 31वीं बटालियन से संक्रमण के कई मामले सामने आने के बाद स्रोत का पता लगाया गया। वह एक नर्सिंग सहायक जवान है जो पांच दिनों के पृथक-वास के बाद ड्यूटी पर लौट आया था। नर्सिंग सहायक संक्रमित होने के बाद दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती है। उसने पांच दिनों तक पृथक-वास में बिताने के बाद कुछ दिनों तक यूनिट अस्पताल में काम किया और संदेह है कि संक्रमण उससे 31 वीं बटालियन के अन्य जवानों तक पहुंचा। उन्होंने कहा कि हमारा सामान्य आदेश है कि छुट्टी से लौटने वाले या कोविड​​-19 संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले किसी भी जवान को 14 दिनों के पृथक-वास में रखा जाए। बाद में हमें पता लगा कि मेडिकल खंड द्वारा एक और आदेश दिया गया था जिसमें कहा गया था कि जो चिकित्सा कर्मचारी पांच दिनों के पृथक-वास में रह चुके हैं और उनमें कोई लक्षण नहीं दिखता, उन्हें पृथक-वास से वापस बुलाया जा सकता है।

सीआरपीएफ प्रमुख ने बताया, "ये अलग अलग आदेश थे। मैंने 26 अप्रैल को बल के निदेशक (मेडिकल) से लिखित स्पष्टीकरण मांगा है और मामले को एडीजी (मेडिकल) को सौंप दिया है।" इस बीच एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस "गंभीर" घटना का संज्ञान लिया है, जहां एक जवान की मौत हो गयी और करीब 50 अन्य लोग एक ही बटालियन में संक्रमित हैं। सीआरपीएफ ने इस संबंध में पहले ही गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंप दी है। मंत्रालय ने बल से सीएपीएफ में कोविड-19 से मौत के पहले मामले से जुड़े घटनाक्रम का पूरा विवरण इस महीने के अंत तक मांगा है।

Yaspal

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