हैलो...एक बच्चा चाहिए.. जी, मिल जाएगा, 3.30 लाख में

Tuesday, Sep 04, 2018 - 12:12 PM (IST)

नई दिल्ली (नवोदया टाइम्स): क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो गरीब परिवार के नवजात शिशुओं को कम दाम पर खरीदकर उन्हें महंगे दामों पर बेच देता था। इस मामले में साऊथ दिल्ली के आईवीएफ (इन विट्रो फर्टीलाइजेशन) सेंटर के एक मैनेजर सहित 8 लोगों को दबोचा है, जिसमें तीन महिलाएं भी शामिल हैैं। वहीं, उनके पास से चार शिशु बरामद किए गए हैैं।

पुलिस का दावा है कि यह गैंग 3 से 4 लाख रुपए लेकर नवजात शिशुओं को नि: संतान दंपति को बेचते थे। इसके लिए बच्चा बेचने वालों ने अपना नेटवर्क बना रखा था। हालांकि, आईवीएफ सेंटर की मालकिन सहित गैंग के कई सदस्य अभी फरार हैैं। पुलिस उनकी तलाश में लगी हुई है। सूत्रों की मानें तो गैंग के पांच आरोपियों को रविवार सुबह कोर्ट में पेश किया। जिसके बाद कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत 13 दिन के लिए और बढ़ा दी। 

10-12 नवजात शिशु बरामद 
कुछ देर बाद दो कार में सवार गैंग के सदस्य बच्चा लेकर मौके पर पहुंचे। बदमाशों के वहां पहुंचते ही पुलिस ने जहांगीर और एक कार में सवार गैंग की तीन महिला सदस्यों को पकड़ लिया। वहीं, उनके पास से 10-12 दिन का एक बच्चा भी बरामद हुआ। जबकि दूसरी कार पर सवार लोग भागने में सफल हो गए। नवजात काफी कमजोर लग रहा था। लिहाजा इलाज के लिए उसे तुरंत कलावती सरन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, पकड़ा गया मुख्य एजेंट मोहम्मद जहांगीर इंद्रपुरी जेजे कॉलोनी का रहने वाला है। पूछताछ में पता चला कि गैंग के तार साऊथ दिल्ली स्थित एक आवीएफ सेंटर से भी जुड़े हैं। जिसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने सेंटर के मैनेजर को धर दबोचा। 

ऐसे हुआ सौदा तय 
जानकारी के अनुसार, डीसीपी जॉय टिर्की की टीम को सूचना मिली थी कि राजधानी में कुछ लोग नवजात शिशुओं बेचने का गैंग चला रहे हैं। इसमें एक आईवीएफ सेंटर के अधिकारी व कर्मी भी शामिल हैं। इस जानकारी के बाद क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच शुरू की। गैंग से जुड़े बदमाशों को दबोचने के लिए टीम में तैनात दो महिला अधिकारियों को लगाया गया। उन्होंने गैंग के एक सदस्य से बच्चा खरीदने के बारे में बात की। एजेंट ने उन्हें 14 अगस्त को वेस्ट दिल्ली के नारायणा विहार एरिया में बुलाया। वहां एक घर में महिला पुलिस अधिकारियों की मुलाकात 40 वर्षीय मोहम्मद जहांगीर नाम के शख्स से हुई। कुछ देर बातचीत के बाद नवजात शिशुओं के लिए जहांगीर ने 4.30 लाख रुपए मांगे। लेकिन सौदा 3.30 लाख रुपए में तय हो गया। वहीं, बच्चा बेचने वाले गैंग का सदस्य जहांगीर ने कॉल कर अपने साथियों को बच्चा लेकर आने को कहा। 

पेरेंट्स तक पहुंची क्राइम ब्रांच 
हालांकि, आवीएफ सेंटर की मालकिन फरार होने में सफल हो गई। इसके बाद पुलिस ने तीन अन्य लोगों को भी दबोचा। जिसमें दो बच्चा खरीदने वाले शामिल हैैं। वहीं, उनकी निशानदेही पर कुल चार बच्चे बरामद किए गए। क्राइम ब्रांच द्वारा मामले की जांच जारी है और फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है। यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि गैंग किस प्रकार से बच्चा प्राप्त कर उसे बेचता था। जहांगीर ने बताया कि बच्चे का दाम दो से पांच लाख कीमत तक तय था। जैसा ग्राहक वैसी कीमत। इससे हुई पूछताछ के आधार पर पुलिस ऐसे दो पेरेंट्स तक पहुंच गई जिन्होंने इस गैंग से बच्चे खरीदे थे। अभी इस केस में पुलिस की जांच जारी है। पुलिस अधिकारी इस पूरे रैकेट को बेनकाब करना चाहते हैं, इसलिये अभी कोई खुलकर कुछ नहीं बोल रहा है।

vasudha

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