खादी आज बाजार में उतारेगा गोबर से बना पेंट, सरकार बोली- किसान होंगे मालामाल

Tuesday, Jan 12, 2021 - 11:16 AM (IST)

नेशनल डेस्क:  कच्चे घरों में गोबर की लिपाई का सिलसिला बहुत पुराना है। पुराने समय से ही गाय के गोबर को उपयोग घरों की लिपाई और पुताई में किया जाता है, अब उन्ही यादों को ताजा करेगा गाय के गोबर से बना पेन्ट। जी हां खादी इंडिया बाजार में ‘खादी प्राकृतिक पेंट'  लेकर आ रहा है। अपनी तरह का पहला उत्पाद है, जो मुख्य घटक के रूप में गाय के गोबर पर आधारित है। यह पेंट सस्ता है, गंधहीन है और साथ ही इसे भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणित किया गया है।

 

पर्यावरण के अनुकूल है ये पेट 
पर्यावरण के अनुकूल, जीवाणुरोधी और गैर-विषैले रंग- रोगन की पेशकश केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी करेंगे। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि खादी प्राकृतिक पेंट दो रूपों में उपलब्ध है - डिस्टेंपर पेंट और प्लास्टिक इमल्शन पेंट। खादी प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किसानों की आय बढ़ाने के प्रधानमंत्री के विचार से जुड़ा हुआ है।'' बयान के मुताबिक फंगसरोधी और जीवाणुरोधी गुणों के साथ ही यह पेंट सीसा, पारा, क्रोमियम, आर्सेनिक, कैडमियम और अन्य भारी धातुओंसे मुक्त है।

 

किसानों की बढ़ेगी आमदनी 
इसके प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से स्थानीय विनिर्माण और स्थायी स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। बयान के मुताबिक इस तकनीक से पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों के लिए कच्चे माल के रूप में गोबर की खपत बढ़ेगी और किसानों तथा गौशालाओं को अतिरिक्त आमदनी होगी। इससे किसानों और गौशालाओं को प्रति पशु लगभग 30,000 रुपये वार्षिक आमदनी होने का अनुमान है।

 

सभी मानकों पर खरा उतरा पेंट 
संस्थान के विशेषज्ञों ने रिसर्च में पाया कि हानिकारक रहित रसायनों के उपयोग से गाय के गोबर से पेंट बनाया जा सकता हैं। यह पेंट घर और भवनों की रंगाई पुताई के अलावा सभी तरह की लकड़ी और लोहे पर किया जा सकता है। यह पेंट राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप भी हैं। संस्थान की ओर से इस पेंट की थिकनेस, स्मूथनेस और ब्रश पर चलने जैसे तमाम मापदंडों के लिए राष्ट्रीय स्तर की सरकारी व प्रतिष्ठित निजी लैब में इसका परीक्षण हो चुका है। जहां सभी मानकों पर खरा उतरा है और बाजार में बिक्री के लिए तैयार है। 

vasudha

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