धनशोधन मामला: वाड्रा के सहयोगी की अर्जी पर अदालत ने ED से मांगा जवाब

punjabkesari.in Wednesday, Jan 09, 2019 - 07:05 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली की एक अदालत ने रॉबर्ट वाड्रा के सहयोगी मनोज अरोड़ा की अग्रिम जमानत अर्जी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा है। अर्जी में आरोप लगाया कि ईडी धनशोधन के एक मामले में उनके नियोक्ता वाड्रा को गलत तरह से फंसाने के लिए उन पर दबाव बना रही है।
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मामला लंदन में 12, ब्रायन्सटन स्क्वायर स्थित संपत्ति की 19 लाख पाउंड में खरीद में धनशोधन के आरोपों से जुड़ा है। संपत्ति कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई वाड्रा के कथित स्वामित्व वाली थी। विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने ईडी के विशेष सरकारी अभियोजक डी पी सिंह को 11 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इसी तारीख को अदालत एजेंसी की अर्जी पर भी सुनवाई करेगी जिसमें अरोड़ा के खिलाफ बेमियादी गैर-जमानती वारंट जारी करने की मांग की गयी है। 
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ईडी ने वकील ए आर आदित्य के माध्यम से अदालत को बताया कि उसने अरोड़ा के खिलाफ धनशोधन का एक मामला दर्ज कराया है। आयकर विभाग द्वारा फरार शस्त्र विक्रेता संजय भंडारी के खिलाफ नये काला धन कानून के तहत एक अन्य मामले में जांच के दौरान उनकी भूमिका सामने आई।  ईडी ने कहा कि लंदन की संपत्ति भंडारी ने 19 लाख पाउंड में खरीदी थी और इसकी मरम्मत पर करीब 65,900 पाउंड अतिरिक्त खर्च होने के बाद भी इसी कीमत में इसे 2010 में बेच दिया।  एजेंसी ने कहा कि इससे यह तथ्य पुष्ट होता है कि भंडारी संपत्ति का असली मालिक नहीं था बल्कि इसका स्वामित्व वाड्रा के पास था जो इस संपत्ति की मरम्मत पर पैसा खर्च कर रहे थे। 
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ईडी ने दावा किया कि अरोड़ा के खिलाफ इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने के लिए गैर-जमानती वारंट जरूरी है। चूंकि आशंका है कि वह देश छोड़कर जा सकता है। एजेंसी ने कहा कि अरोड़ा मामले में अहम हैं और उसे वाड्रा की विदेशों में अघोषित संपत्तियों की जानकारी है। अरोड़ा ने अपनी अग्रिम जमानत अर्जी में दावा किया कि उनकी पत्नी मामले में पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश हुई थीं और उनके माध्यम से ईडी ने उन्हें वाड्रा को फंसाने के लिए धमकाया। 


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vasudha

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