नौसेना वार रूम लीक: अदालत ने पूर्व नौसेना प्रमुख को विदेश जाने की इजाजत दी

Monday, Apr 24, 2017 - 05:28 PM (IST)

नई दिल्ली: एक विशेष अदालत ने वर्ष 2006 के नौसेना वार रूम लीक मामले में मुकदमे का सामना कर रहे नौसेना के एक पूर्व अधिकारी को 25 दिनों के लिए विदेश जाने की इजाजत दे दी है लेकिन उनसे लंदन की यात्रा नहीं करने को कहा है। समझा जाता है कि फरार मुख्य आरोपी शंकरन लंदन में ही रह रहा है। विशेष सीबीआई न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने नौसेना के पूर्व लेफ्टिनेंट कुलभूषण पाराशर को राहत दे दी जिन्होंने बैठकों और खाद्य वस्तुओं के आयात के बारे में व्यापार के अवसर तलाशने के लिए फ्रांस, स्पेन, चेक गणराज्य, रूस और यूनान सहित कई देशों की चार जून से एक जुलाई के बीच यात्रा की इजाजत मांगी थी। 

अदालत ने कहा कि पाराशर को इजाजत की अवधि से ज्यादा विदेश में रहने की अनुमति नहीं दी जायेगा और वह मेडिकल सहित किसी भी अन्य आधार पर अवधि बढ़ाये जाने की मांग नहीं करेंगे।   वर्ष 2006 का नौसेना वार रूम लीक मामला नौसेना वार रूम और वायुसेना मुयालय से 7,000 पन्नों से अधिक का संवेदनशील रक्षा सूचना लीक होने का है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है।   अदालत ने कहा, ‘‘विदेश में रहने के दौरान वह किसी गवाह से संपर्क नहीं करेंगे, अपनी गैर हाजिरी में गवाहों से पूछताछ पर एेतराज नहीं करेंगे और उनके वकील सभी नोटिसों को उनकी आेर से स्वीकार करेंगे।’’  न्यायाधीश ने एक आदेश में कहा, ‘‘यह भी स्पष्ट कर दिया गया कि आरोपी या प्रार्थी इस अवधि के दौरान लंदन की यात्रा नहीं करेंगे, जहां आरोपी रवि शंकरन मामले में फरार घोषित किया गया: के रहने की बात समझी जा रही है। ’’ 

हालांकि, सीबीआई ने अर्जी का विरोध करते हुए कहा है कि मामला अभियोजन का साक्ष्य दर्ज किए जाने के चरण में है और सुनवाई तेज की जा रही है। जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि इस बात की काफी आशंका है कि पाराशर भारत नहीं लौट सकते हैं जिससे कार्यवाही में देर होगी। शंकरन लंदन में रह रहा है और पाराशर के न्याय से भागने की गुंजाइश है। 

गौरतलब है कि पाराशर नौसेना के तीन पूर्व अधिकारियों सहित चार आरोपियों के साथ मुकदमे का सामना कर रहे हैं। पाराशर के अलावा पूर्व कमांडर विजेन्दर राणा, बर्खास्त नौसेना कमांडर वीके झा, पूर्व वायुसेना विंग कमांडर संभा जी एल सुर्वे और हथियार कारोबारी अभिषेक वर्मा भी इस मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं।  

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