गुजरात में बनी देश की पहली ''स्टील सड़क'', जानें 6 लेन वाली इस रोड की खास बात

punjabkesari.in Sunday, Mar 27, 2022 - 12:36 PM (IST)

नेशनल डेस्क: गुजरात के सूरत में स्टील की सड़क बनाई गई है। देश में पहली बार ऐसा प्रयोग किया गया है। यह सड़क हजीरा इंडस्ट्रीयल एरिया में बनाई गई है। वैसे, ये पढ़कर आपको लग रहा होगा कि पूरी सड़क स्टील की है और इसे बनाने के लिए स्टील की कोई चादर बिछाई गई होगी, तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। दरअसल, इसे देश भर में स्टील प्लांट से निकलने वाले कचरे से बनाया गया है। आंकड़ों के अनुसार देश में हर साल अलग-अलग स्टील प्लांट से करीब 19 मिलिनय टन कचरा (steel waste) निकलता है। हालात ये हो गए हैं कि स्टील के कचरे के पहाड़ जैसे कई ढेर लग गए हैं। 

 

ऐसा पहला प्रयोग
ऐसे में ये नया प्रयोग शुरू किया गया है। कई रिसर्च के बाद गुजरात में स्टील के कचरे से 6 लोन की सड़क प्रयोग के तौर पर बनाई गई है। स्टील कचरे से फिलहाल केवल एक किलोमीटर लंबी सड़क ही बनाई गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि सबकुछ ठीक रहा तो भविष्य में देश में हाईवे और सड़क आदि बनाने के लिए स्टील कचरे का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे विकास कार्य को तेजी तो मिलेगी ही, साथ ही स्टील के कचरे से भी निजात मिल सकेगी। यह वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) और केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI) सहित इस्पात मंत्रालय और नीति आयोग की सहायता से तैयार किया गया है। यह परियोजना भारत सरकार के वेस्ट टू वेल्थ और स्वच्छ भारत अभियान से भी जुड़ी है।

 

स्टील कचरे से सड़क कैसे बनती है?
स्टील कचरे से सड़क बनाने के लिए सबसे पहले एक लंबी प्रक्रिया के बाद स्टील के कचरे से गिट्टी बनाई गई। इसके बाद इसका प्रयोग सड़क बनाने में किया गया। CSIR के अनुसार बनाई गई सड़क की मोटाई को भी 30 प्रतिशत तक घटाया गया है। ऐसी उम्मीद है कि स्टीक कचरे की तकनीक से बनी सड़क ज्यादा मजबूत होगी और मॉनसून सीजन में इसके खराब होने की संभावना बेहद कम होगी।

 

CRRI के प्रिंसिपल वैज्ञानिक सतीश पांडेय ने बताया, 'भारी ट्रकों के चलते हजीरा पोर्ट पर एक किलोमीटर लंबी सड़क पहले बेहद खराब स्थिति में थी। इसके बाद सरकार ने प्रयोग के तहत सड़क की मरम्मत के लिए स्टील के कचरे का प्रयोग किया। अब हर दिन करीब 1000 से ज्यादा ट्रक 18 से 30 टन का वजन लेकर इससे गुजरते हैं लेकिन इसमें किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं आया है। सतीश पांडेय के अनुसार इस प्रयोग के बाद अब देश के हाइवे और दूसरी सड़कें स्टील के कचरे से बनाई जा सकेंगी क्योंकि इससे बनी सड़के काफी मजबूत और टिकाऊ हैं। भारत भर में इस्पात संयंत्र से हर साल 19 मिलियन टन स्टील का कचरा निकलता है और एक अनुमान के अनुसार इसके 2030 तक 50 मिलियन टन तक बढ़ने की संभावना है।


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Content Writer

Seema Sharma

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