देश ने मनाया 70वां गणतंत्र दिवस, झांकियों में दिखी महात्‍मा गांधी की झलक

Saturday, Jan 26, 2019 - 11:34 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत ने शनिवार को अपना 70वां गणतंत्र दिवस मनाया। इस दौरान राजपथ पर सेना ने अपने पराक्रम और महिलाओं ने शौर्य का प्रदर्शन किया। महात्मा गांदी की 150वीं जयंती के इस अवसर पर इस बार राजपथ पर निकाली गई 22 झांकियों में बापू के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को दिखाया गया। इनमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 16 झांकियां थी, जबकि विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों (कृषि, ऊर्जी, पेयजल और स्वच्छता, भारतीय रेलवे, सीआईएसएफ और सीपीडब्ल्यूडी) की 6 झांकियां थीं।

उत्तराखंड की झांकी में कौसानी स्थित अनासक्ति आश्रम को दिखाया गया था, जहां 1929 में महात्मा गांधी ने कुछ समय बिताया था। जम्मू-कश्मीर की झांकी का विषय “गांधी की आशा की किरण-हमारी समग्र संस्कृति” था। झांकी म  बापू को उनके चरखे और धाटी की जातीज विविधता के साथ दिखाया गया।"

दिल्ली की झांकी में “महात्मा गांधी और दिल्ली” विषय को और राष्ट्रीय राजधानी तथा बिड़ला हाउस के साथ उनके जुड़ाव को प्रदर्शित किया गया, जिसे अब गांधी स्मृति के रूप में जाना जाता है। दिल्ली की झांकी में महात्मा गांधी के 1915 से 1948 के बीच बिड़ला हाउस में बिताए गए 720 दिनों की झलक दिखाई गई। पश्चिम बंगाल की झांकी में महात्मा गांधी के जीवन के दो चरणों को दिखाया गया। भारत की आजादी के दौरान उनका प्रवास और रवींद्र नाथ टैगौर के साथ उनका जुड़ाव भी झांकी में दर्शाया गया।

गुजरात की झांकी में बापू की “ऐतिहासिक दांडी मार्च” की झलक दिखी। इसी तरह कर्नाटक की झांकी में “गांधी जी और बेलगावी में कांग्रेस के सम्मेलन” की झलक देखने को मिली। महाराष्ट्र की झांकी में “अंग्रेजो भारत छोड़ो” को दर्शाया गया।

गोवा की झांकी का विषय “अनेकता में एकता” था, जबकि त्रिपुरा की झांकी का विषय “गांधी तरीके से ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्तिकरण था। पंजाब की झांकी में जलियांवाला बाग को दिखाया गया, जबकि सिक्किम की झांकी का विषय “कृषि और पर्यावरण अहिंसा था”, इतिहास में ऐसा दर्ज है कि महात्मा गांधी ने सिकिम्म प्रवास के बाद अपने बदन के ऊपरी हिस्से से वस्त्र त्याग कर दिया था।

इन सबके अलावा राथपथ पर उत्तर प्रदेश की झांकी में धर्म की नगरी काशी का दर्शाया गया, जिसमें महात्मा गांधी के नाम से स्थापिथ महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और धर्मनगरी की विरासत सम्मलित थी।

 

Yaspal

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