भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता देश को भविष्य में प्रभावित करेंगे- केहर

Friday, Jan 12, 2018 - 12:28 AM (IST)

नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर ने गुरुवार को कहा कि दशकों के संघर्ष के बाद भी देश आज तक भष्ट्राचार से निजात नहीं पा सका है। केहर ने गुरुवार को 24वें लाल बहादुर शास्त्री स्मृति ब्याख्यान में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर ने 1960 के दशक से ही भष्ट्राचार के खिलाफ लडाई शुरू की थी लेकिन आज भी सरकारी तंत्र में घोटालों और स्कैंडलों का बोलबाला है।

उन्होंने कहा हमने हर्षद मेहता, केतन पारेख, जैसे लोगों को देखा हैं और सत्यम घोटाला, भोजन के बदले तेल,जेवीजी, वोट के बदले नोट,व्यापम और अन्य घोटालों को देखा है और इनमें गुजरात स्नूपगेट जैसे स्कैंडलों में सुनवाई के दौरान अनेक लोगों की मौत हो गई है। हेलीकाप्टरों, ट्रकों तोपों ,जहाजों और पनडुब्बियों की खरीद में घोटाले ही घोटाले हैं।

न्यायमूर्ति केहर ने कहा कि देश का मौजूदा सामाजिक वातावरण भविष्य के लिहाज से उचित नहीं है और इस समय देश में जो कुछ भी चल रहा है वह इसके हित में नहीं है खासकर अगर हम सांप्रदायिकता वाली सोच को आगे बढाएंगें तो कुछ हासिल नहीं होगा।

उन्होंने कहा जिस समय देश आजाद हुआ था तो पाकिस्तान ने अपने आपको इस्लामिक गणराज्य के तौर पर रहने का निर्णय लिया लेकिन भारत ने धर्मनिरपेक्ष रहना ही उचित समझा। अगर भारत को वैश्विक शक्ति के तौर पर उभरना है तो हमें अन्य धर्माें के साथ भी मिलकर चलना होगा। हम अपने देश में मुस्लिम और ईसाई विरोधी बन कर नहीं रह सकते हैं।

उन्होंने अयोध्या जैसे संवेदनशील मसले को बातचीत के जरिए सुलझाने पर जोर देते हुए कहा कि मुद्दों का हल शांति के जरिए निकाला जाना चाहिए और युद्ध कोई विकल्प नहीं है क्योंकि अगर भारत में ही बातचीत संभव नहीं हो सकती तो वह विश्व के किसी भी हिस्से में नहीं हो सकती है।

Advertising