कोरोना टीकों की कमी के कारण 60 देशों में रूक सकता है वैक्सीनेशन, दवा निर्यात पर भारत की रोक

Sunday, Apr 11, 2021 - 01:07 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कोरोना वायरस टीकों के निष्पक्ष वितरण (Fair delivery) के लिए शुरू किए गए संयुक्त राष्ट्र समर्थित कार्यक्रम ‘कोवैक्स' को मिलने वाले टीकों की आपूर्ति बाधित होने से दुनिया के कुछ सबसे गरीब देशों समेत कम से कम 60 देशों में टीकाकरण प्रभावित हो सकता है। यूनिसेफ के आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो हफ्ते में 92 विकासशील देशों में आपूर्ति करने के लिए 20 लाख से कम कोवैक्स खुराकों को मंजूरी दी गई, जबकि केवल ब्रिटेन में इतनी ही खुराक की आपूर्ति की गई।

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रस अधानम घेब्रेयेसस ने ‘टीकों के वैश्विक वितरण में स्तब्ध करने वाले असंतुलन' की आलोचना करते हुए शुक्रवार को कहा था कि अमीर देशों में औसतन चार में से एक व्यक्ति को covid-19 टीका लगाया जा चुका है, जबकि कम आय वाले देशों में 500 लोगों में से औसतन केवल एक व्यक्ति को टीका लगाया गया है। भारत ने बड़ी मात्रा में ‘एस्ट्राजेनेका' (AstraZeneca) टीकों का उत्पादन करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट में बने टीकों के निर्यात को फिलहाल रोकने का फैसला किया है, जो वैश्विक स्तर पर टीकों की कमी का मुख्य कारण है। जिन देशों को कोवैक्स ने सबसे पहले टीकों की आपूर्ति की थी, उन्हें 12 हफ्ते के अंदर टीके की दूसरी खुराक पहुंचाई जानी है, लेकिन ऐसा संभव हो पाएगा या नहीं, इस पर आशंका के बादल मंडरा रहे हैं।

 

टीकों की आपूर्ति करने वाले संगठन ‘गावी' ने ‘एसोसिएटेड प्रेस' को बताया कि टीकों की आपूर्ति में देरी से 60 देश प्रभावित हुए हैं। ‘एपी' को मिले WHO के दस्तावेज दर्शाते हैं कि आपूर्ति में अनिश्चितता के कारण ‘‘कुछ देशों का कोवैक्स से विश्वास उठने'' लगा है। इसके कारण WHO पर चीन और रूस के टीकों का अनुमोदन करने का दबाव बढ़ रहा है। उत्तर अमेरिका या यूरोप में किसी भी नियामक ने चीन और रूस के टीकों को मान्यता नहीं दी है।

Seema Sharma

Advertising