Corona का होना मतलब मौत नहीं, 80% को नहीं जाना पड़ता अस्पताल, घर पर ही ठीक हो जाते हैं

Monday, Mar 30, 2020 - 01:46 PM (IST)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में डर का माहौल बना हुआ है।  विश्व के अधिकांश (अब तक 185) देशों में फैल चुके कोरोना वायरस (कोविड 19) का प्रकोप थमने का नाम नहीं लेे रहा है और इस खतरनाक वायरस से दुनिया भर में करीब 704000 लोग इससे संक्रमित हैं। अब तक 33509 लोगों की मौत हो चुकी है,  लेकिन कोरोना का मतलब जिंदगी खत्म होना नहीं है। 

5 लाख 36 हजार मरीजों का चल रहा है इलाज
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक,दुनिया में अभी तक करीब 7 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हैं, जिनमें से 33509 लोगों की जान गई है तो 1 लाख 51 हजार लोग पूरी तरह ठीक होकर सामान्य जिंदगी जी रहे हैं। जिन 5 लाख 36 हजार मरीजों का इलाज चल रहा है उसमें से 5 लाख 9 हजार यानी 95 फीसदी में बीमारी कम या मध्यम दर्जे की है। 5 पर्सेंट मरीजों को ही जान का खतरा होता है।

80 फीसदी लोगों को अस्पताल में भर्ती करने की भी आवश्यकता नहीं
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि कोरोना संक्रमित 80 फीसदी लोगों को अस्पताल में भर्ती करने की भी आवश्यकता नहीं होती है। कोरोना से संक्रमित अधिकांश लोग ठीक हो जाते हैं।  
लोग हल्का बुखार महसूस करते हैं और वे जल्द ठीक हो जाते हैं जबकि 20 प्रतिशत लोगों में सर्दी, जुकाम, बुखार जैसे गंभीर लक्षण दिखते है और उन्हें अस्पताल में भर्ती 
कराना पड़चा है।

भारत समेत विश्व के कई देश इससे पीड़ित
भारत समेत विश्व के कई देश इससे पीड़ित है। भारत में मरीजों का आंकड़ा 1000 के पार, 27 की मौत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या रविवार को 1024 तक पहुंच गई और मृतकों का आंकड़ा 27 तक पहुंच गया।  राजधानी में बीते चौबीस घंटे के दौरान कोरोना संक्रमण के 106 नए मामले सामने आए हैं। 
 

Anil dev

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