लॉकडाउन में बंद रह गए वाहनों की पार्किंग शुल्क 20 से 50 हजार!

Thursday, Aug 13, 2020 - 10:30 AM (IST)

नई दिल्ली(नवोदय टाइम्स): कोरोना महामारी में अचानक लॉकडाउन लागू कर दिए जाने के चलते अपने जब्त वाहनों को नहीं छुड़ा पाए लोगों से अब नई पार्किंग पॉलिसी के तहत 20 हजार से लेकर 50 हजार रुपए तक वाहनों की पार्किंग शुल्क वसूली जा रही है। हजारों वाहन मालिकों के लिए भारी-भरकम पार्किंग शुल्क आफत बनकर आई है। इस आफत से निजात दिलाने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अपील की गई है। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने परिवहन विभाग से लॉकडाउन के दिनों में जब्त रहे ऑटो, ई-रिक्शा और ग्रामीण सेवा जैसे वाहनों के पार्किंग शुल्क माफ करने का रास्ता निकालने के लिए कहा है। परिवहन मंत्री ने इसके लिए विभाग को हरसंभव कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। परिवहन मंत्री ने लिखा है कि जरूरत पडऩे पर फाइल सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजी जाए। असल में लॉकडाउन उन लोगों के लिए जी का जंजाल बन गया है, जिनके वाहन मार्च या मार्च से पहले किसी मामले में जब्त कर लिए गए थे। अब इन वाहनों को बगैर चालान भरे सुपुर्दगी पर वाहन मालकों को वापस दिया जा रहा है। 


चालान बाद में भरा जाएगा वह अलग है। मगर अभी वाहन वापस देने पर परिवहन विभाग वाहन मालिकों या चालकों से पार्किंग शुल्क के नाम पर मोटी राशि वसूल रहा है। किसी से 20 हजार तो किसी से 50 हजार, पार्किंग शुल्क लिया जा रहा है। ग्रामीण सेवा चलाने वाले संगम विहार के एहसानुल हक ने बताया कि उनके वाहन को जब्त किया गया था और लॉकडाउन के बाद जब छुड़ाने पहुंचा तो एक लाख रुपए पार्किंग शुल्क की रसीद थमा दी गई है। उन्होंने कहा कि एक लाख देकर वाहन छुड़ाने की बजाय वाहन ही छोड़ दिया।  एकाएक बढ़ी पार्किंग राशि से परेशान ऑटो रिक्शा व ई-रिक्शा वाले मुख्यमंत्री के दरबार पहुंचे हैं। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इन्हें राहत देने के लिए रास्ता निकालने के निर्देश दिए हैं। आलम यह है कि अनलॉक-3 शुरू होने के बाद भी ये लोग जब्त वाहन नहीं छुड़वा पा रहे हैं। दरअसल, चालान की रकम भरने के साथ ही उनसे पार्किंग शुल्क के रूप में मार्च से अब तक का 20 से 50 हजार रुपए अलग से मांगा जा रहा है। इसके चलते ये लोग चालान के साथ पार्किंग शुल्क की पर्ची लेकर कभी इस दफ्तर तो कभी उस दफ्तर चक्कर काट रहे हैं।


 लॉकडाउन उन लोगों के लिए जी का जंजाल बन गया है, जिनके वाहन मार्च या उससे पहले किसी मामले में परिवहन विभाग ने जब्त कर लिए थे। उत्तम नगर मोहन गार्डन निवासी रीमा पांडेय ने बताया कि पति की मौत के बाद वह ऑटो चलवाकर परिवार पाल रही हैं। मार्च में उनका ऑटो परिवहन विभाग ने जब्त कर लिया था। अनलॉक होने पर जब वह ऑटो छुड़ाने के लिए परिवहन विभाग के दफ्तर गईं तो सुपुर्दगी की व्यवस्था के तहत उन्हें ऑटो तो दे दिया गया, मगर पार्किंग शुल्क 22,600 रुपए वसूला गया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से ऑटो और टैक्सी चलाने वाले आर्थिक रूप से टूट चुके हैं। ऐसे में पार्किंग शुल्क नहीं दे पाने की वजह से वह अपने जब्त वाहनों को भी नहीं छुड़ा पा रहे हैं। 


ये है नया नियम

  • वाहनों को उठाने का टोइंग चार्ज 
  • दो पहिया, तिपहिया व ई-रिक्शा के लिए 200 रुपए। 
  • हल्के यात्री वाहन, कार, जीप व वैन आदि के लिए 400 रुपए।
  • द्द हल्के माल वाहन के लिए 1000 रुपए।
  • मिनी बस, बस, मिनी ट्रक, ट्रक के लिए 1500 रुपए।
  • मल्टी एक्सल ट्रेलर व बड़े ट्रक के लिए 2000 रुपए।
  • 48 घंटे में वाहन नहीं छुड़ाने पर 7 दिनों तक टोइंग चार्ज प्रतिदिन  
  • दो पहिया, तिपहिया व ई-रिक्शा के लिए 200 रुपए। 
  • हल्के यात्री वाहन, कार, जीप व वैन आदि इसके लिए 500 रुपए।

     
  • हल्के माल वाहन के लिए 1000 रुपए।
  • मिनी बस, बस, मिनी ट्रक, ट्रक के लिए 1500 रुपए।
  • मल्टी एक्सल ट्रेलर व बड़े ट्रक के लिए 2000 रुपए।
  • 7 दिनों तक वाहन नहीं छुड़़ाने पर टोइंग चार्ज प्रतिदिन दोगुना।    
  •  पॉलिसी के अनुसार सात दिनों से ज्यादा समय तक वाहन रखे जाने पर टोइंग राशि दोगुना हो जाएगी, जिसे प्रतिदिन के हिसाब से वसूला जाएगा।
  • 90 दिन में नहीं छुड़ाने पर वाहन नीलाम।
  • अगर अवैध पार्किंग में पकड़े गए वाहन को मालिक अपने वाहन को छुड़ाने के लिए आगे नहीं आता है तो 90 दिन बाद वाहन को नीलाम कर दिया जाएगा। 
  • इससे पहले वाहन मालिक को नोटिस जारी कर 15 दिन का समय दिया जाएगा।

Anil dev

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