कोरोना वायरस का असर, 2002 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंचे कच्चे तेल के दाम

Thursday, Mar 19, 2020 - 06:31 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप और कच्चे तेल की मांग में कमी के कारण बुधवार को तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। साल 2002 के बाद यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। अमेरिकी क्रूड के वायदा भाव ने जहां ब्रेंट क्रूड  के वायदा भाव 18 साल के निचले स्तर को छू गया। ब्रेंट क्रूड की कीमत 26 डॉलर तो अमेरिकी क्रूड की कीमत प्रति बैरल 23 डॉलर पर पहुंच गई। 

सालाना खपत में बड़ी गिरावट 
गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि दुनियाभर की सरकारें लोगों को भीड़भाड़ से दूर रहने और खुद को अलग-थलग रखने का अनुरोध कर रही हैं, इसके कारण मार्च के अंत तक तेल की वैश्विक मांग घटकर प्रतिदिन 80-90 लाख बैरल रह सकती है। तेल की खपत में सालाना करीब 11 लाख बैरल प्रतिदिन की गिरावट रह सकती है, जो एक रेकॉर्ड होगा। 

20 डॉलर तक आ सकता है कच्चा तेल 
एजेंसी ने कहा, 'कोरोना वायरस के फैलने की वजह से तेल की मांग में बड़ी गिरावट आई है। दूसरी तिमाही में ब्रेंट क्रूड की कीमत गिरकर 20 डॉलर पर आ सकती है।' बुधवार को ब्रेंट क्रूड 26.65 डॉलर के निचले स्तर को छूने के बाद 2.68 डॉलर (9.3%) की गिरावट के साथ 26.05 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। साल 2003 के बाद यह ब्रेंट क्रूड का सबसे निचला स्तर है।  वहीं, अमेरिकी क्रूड सुबह 11 बजे 4 डॉलर (15%) की गिरावट के साथ 22.95 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, जो मार्च 2002 के बाद इसका सबसे निचला स्तर है।

आम आदमी को मिल सकती है राहत
कच्चे तेल के दामों में आई गिरावट  से आम आदमी को बड़ी राहत मिल सकती है। पेट्रोल की कीमतें घट सकती हैं। डीजल के दामों में भी कमी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा घरेलू गैस (LPG)  के दामों में भी भारी कटौती देखने को मिल सकती है। बता दें कि चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ यह वायरस अब तक करीब 150 देशों तक पहुंच चुका है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। बुधवार देर रात तक भारत में करीब 168 लोग कोरोना वायरस के संक्रमण में आ चुके हैं। सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र से सामने आए हैं।

 

Yaspal

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