अब नहीं पड़ेगी RT–PCR की जरूरत, X-rays के जरिए भी हो सकेगा कोरोना टेस्ट!

Thursday, Jan 20, 2022 - 01:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कोरोना वायरस ने जब से दुनिया पर अपना कहर बरसाना शुरू किया है तब से देश-विदेश के बड़े-बड़े एक्सपर्ट इसकी खोज में लगे हुए है और आए दिन नए-नए शोध सामने आते रहते हैं ऐसे में एक नई जानकारी सामने आई है जिससे अब आसानी से कोरोना संक्रमण का पता लगाया जा सकेगा।
 

दरअसल,  स्कॉटलैंड के वैज्ञानिकों ने दुनिया की सस्ती तकनीकों में से शामिल एक्स रे के माध्यम से कोरोना संक्रमित व्यक्ति की पहचान का नया तरीका खोजा है। इस प्रक्रिया में वैज्ञानिक कोरोना संक्रमित व्यक्ति की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर रहे हैं। 
 

वैज्ञानिकों के मुताबिक यह टेस्ट कोरोना संक्रमित की पहचान प्रकिया में 98 फीसदी प्रभावी है। इसके साथ ही विशेषज्ञों का दावा है कि कोरोना संक्रमितों की पहचान का यह तरीका PCR टेस्टिंग से कम समय लेता है, जिसमें कोरोना टेस्टिंग के परिणाम मिलने में घंटों का वक्त लग जाता है। 
 

 बता दें कि प्रोफेसर नईम रमजान ने तीन व्यक्तियों की उस टीम का नेतृत्व किया है, जिन्होंने X-Rey और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए कोरोना संक्रमण के पहचना की नई तकनीक का इजाद किया है।  
 

यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्ट स्कॉटलैंड के विशषज्ञों के मुताबिक नई एक्स रे तकनीक में स्कैन की गई इमेज को लगभग 3,000 तस्वीरों के बड़े डेटाबेस से तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है। इस डाटाबेस में कोविड-19 से संक्रमित व्यक्तियों के अलावा सामान्य व्यक्तियों और निमोनिया के मरीजों की एक्स रे तस्वीरें होती हैं।  इस तकनीक को खोजने वाले वैज्ञानिकों का कहना है यह परीक्षण प्रकिया कोरोना संक्रमण की पहचना के लिए 98 फीसदी तक प्रभावी साबित हुई है। 

 
वहीं,  प्रोफेसर रमजान ने कहा कि कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण के मामलों में जल्द डायग्नोसिस होने से निश्चित ही यह तकनीक जीवन को बचाने में काफी अहम साबित होगी क्योंकि जितनी जल्दी संक्रमण का पता लगेगा, उतनी ही जल्दी ट्रीटमेंट भी शरू किया जा सकता है।

 
इसके साथ ही प्रोफेसर रमजान ने इस बात को भी स्वीकार किया कि कोरोना संक्रमण के शुरुआती स्टेज में एक्स-रे के जरिये कोविड-19 के लक्षण पकड़ पाने में मुश्किल होती है। इसलिए पीसीआर परीक्षणों की जरूरत को पूरी तरह नहीं नकारा जा सकता है। 


 

Anu Malhotra

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