कोरोना: कर्मवीरों पर भीड़ का पथराव, डॉक्टर की आपबीती- 'पुलिस न होती तो बचना मुश्किल था'

Thursday, Apr 02, 2020 - 04:35 PM (IST)

नेशनल डेस्कः देश में इन दिनों कोरोना संकट गहराया हुआ है, इसी बीच अपनी जान की परवाह किए बिना डॉक्टर दिन-रात संक्रमित मरीजों की देखभाल में लगे हुए हैं। कई ऐसे लोग भी हैं जो इन डॉक्टरों का शुक्रिया अदा करने की बजाए उनके साथ बदतमीजी कर रहे हैं या गलत व्यवहार कर रहे हैं। डॉक्टरों को कुछ ऐसे हालात का सामना करना पड़ा मध्य प्रदेश और बेंगलुरु में। मध्य प्रदेश के इंदौर में और बिहार के मधुबनी में स्वास्थ्यकर्मियों पर पत्थरबाजी की गई। भीड़ से जान बचाकर भागी डॉक्टर महिला ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि वो सब बहुत डरावना था।

 

महिला डॉक्टर ने कहा कि अगर पुलिस साथ न होती, तो हमारा बचना नामुमिकन था। भीड़ के हमले में बाल-बाल बचे डॉक्टर अभी तक खौफ में हैं। बेंगलुरु में भी एक आशा वर्कर को कुछ ऐसी ही स्थिति से गुजरना पड़ा। कर्नाटक के बेंगलुरु में आशा वर्कर्स लोगों में कोरोना वायरस की जागरूकता फैलाने और सर्वे करने घर-घर जा रही हैं। सर्वे के दौरान सादिक इलाके में  एक व्यक्ति ने डीटेल देने से इनकार कर दिया। हमने उन्हें कोविड-19 के बारे में बताया। इसके बाद मस्जिद से घोषणा हुई। फिर लोग अपने घरों से बाहर निकले और हमारे साथ बदसलूकी की। वहीं इंदौर में कोरोना संदिग्धों की जांच करने गईं स्वास्थ्य विभाग की टीम पर एक समुदाय विशेष ने हमला कर दिया।

 

 

डॉक्टर ने बताया, 'हमें पॉजिटिव कॉन्टेक्ट की हिस्ट्री मिली थी, इसलिए हम वहां गए थे। हम लोगों ने जैसे ही पूछताछ शुरू की, उन लोगों ने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। पुलिस ने हमें भीड़ से बचाया।वदरअसल, इंदौर कोरोना महामारी के हॉटस्पॉट के रूप में उभरा है, इसलिए यहां सरकार और स्थानीय प्रशासन भी ज्यादा सक्रिय है। लेकिन, बुधवार को स्वास्थ्य विभाग का एक टीम रानीपुरा क्षेत्र में बीमार महिला के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गई थी, तभी कुछ लोगों ने टीम पर पथराव कर दिया।

Seema Sharma

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