वैज्ञानिकों की चेतावनी- भारत के लिए पहले से ज्यादा खतरनाक हो सकता है कोरोना का नया स्ट्रेन
Sunday, Feb 21, 2021 - 10:27 AM (IST)
नेशनल डेस्क: भारत में कोरोना के खतरनाक नये वायरस स्ट्रेन के संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने चेताते हुए कहा कि यह नया स्ट्रेन पहले से ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह नया स्ट्रेन उन लोगों को भी अपनी चपेट में ले सकता है जो पहले से संक्रमण से ठीक हो चुके हैं और जिन्होंने कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित की है।
कई राज्यों में तेजी से फैल रहा है नया स्ट्रेन
वहीं हैदराबाद स्थित सीएसआईआर-सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) के वैज्ञानिकों का भी कहना है कि कोरोना का नया स्ट्रेन देश के कुछ राज्यों में ज्यादा फैल रहे हैं और इस पर कड़ी निगरानी की जरूरत है। वैज्ञानिकों का दावा है कि देश में पांच हजार से ज्यादा कोविड-19 के नए स्ट्रेन पाए गए हैं, इनमें से सबसे ज्यादा मामले दक्षिण भारत के राज्यों में पाए गए हैं। हालांकि इसके साथ यह भी कहा गया कि दुनियाभर के बाकी देशों में कोरोना के जो नए स्ट्रेन मिले हैं, उनकी मौजूदगी भारत में बहुत कम है।
महाराष्ट्र में 240 नए मामले
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि महाराष्ट्र में जिस तरह से कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं उसे देखने के बाद हम कह सकते हैं कि ये पहले से ज्यादा खतरनाक वायरस है। राज्य में कोरोना के 240 नए स्ट्रेन देखे गए हैं। वैक्सीनेशन के बारें बताते हुए एम्स निदेशक ने कहा कि जहां तक टीकाकरण का सवाल है तो अब भी बहुत कुछ करना है और मेरा मानना है कि अधिक निजी-सार्वजनिक साझेदारी की जरूरत है।'' उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे से इस क्षेत्र को खोलने की जरूरत है ताकि अधिक संख्या में लोगों का टीकाकरण हो सके।
टीकाकरण का पहला चरण आसान: डॉ. गुलेरिया
दिल्ली एम्स के निदेशक ने कहा कि पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों एवं फ्रंट लाइन कर्मियों का टीकाकरण संभवत: आसान हिस्सा था, क्योंकि आप जानते थे कि किसे टीका लगाना हैं, उनकी संख्या बहुत बड़ी नहीं थी। एक बार जब आप 27 करोड़ लोगों का टीकाकरण शुरू करेंगे तो उस स्थिति में हमारे पास सुदढ़ योजना होनी चाहिए जिसमें उन लोगों की सूची हो जिन्हें टीका लगाना है। गुलेरिया ने कहा कि हमें एक ऐसी प्रणाली विकसित करने की जरूरत है जहां पर सरकारी और निजी क्षेत्र वास्तव में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू कर सके।