कोरोना: समय पर नहीं लगता लॉकडाउन, तो भारत बनता इटली...15 अप्रैल तक होते 8,20000 मामले

Friday, Apr 10, 2020 - 11:01 AM (IST)

नेशनल डेस्कः देश में कोरोना की गंभीरता को देखते हुए 21 दिन का लॉकडाउन है। लॉकडाउन के बीच भी देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में कइयों के मन में सवाल है कि क्या लॉकडाउन का कोई सकारात्मक असर दिखा। इसका जवाब मेडिकल रिसर्च के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने दिया है। ICMR द्वार किए गए अध्ययन के मुताबिक अगर देश में लॉकडाउन की घोषणा नहीं की गई होती तो  15 अप्रैल तक देश में कुल मामलों की संख्या 8 लाख 20 हज़ार हो गई होती जब यह अभी सिर्फ हजारों में हैं। इस चौंकाने वाले आंकड़े को विदेश मंत्रालय में सचिव ( पश्चिम ) विकास स्वरूप ने विदेशी पत्रकारों के साथ साझा किया है।

 

स्वरूप के मुताबिक अगर लॉकडाउन नहीं किया गया होता तो आज भारत की हालत भी इटली जैसी ही होती। ICMR ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अगर भारत में समय पर लॉकडाउन नहीं होता तो एक संक्रमित व्यक्ति  406 लोगों को संक्रमित कर सकता था और आगे बी लोग नहीं संभले तो ऐसे हालात हो सकते हैं कि एक से कई लोग बीमार हो सकते हैं तब स्थिति संभालनी मुश्किल होगी। भारत में पहला कोरोना  मामला 30 जनवरी में सामने आया था, लेकिन उससे पहले ही 17 जनवरी को देश में एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग करनी शुरू कर दी गई थी। जबकि इटली में स्क्रीनिंग 25 दिनों बाद जबकि स्पेन ने 39 दिनों बाद शुरू की गई थी। ययानि कि जब वहां मामला बढ़ने लगा तब स्क्रीनिंग सुरू हुई। वहीं भारत में कोरोना तीसरी स्टेज पर है या नहीं इस बारे में कुछ दिन पहले AIIMS के  होना शुरू डॉक्टर ने कहा था कि कुछ राज्यों के जिलों में ऐसा होना शुरू हो गया है यानि कि हम दूसरी और तीसरी स्टेज के बीच की स्थिति में हैं।

Seema Sharma

Advertising