महाराष्ट्र : केंद्रीय मंत्रालय से सहकारी आंदोलन प्रभावित नहीं होगा, केंद्र के पास दखलंदाजी का हक नहीं

Sunday, Jul 11, 2021 - 04:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने रविवार को उन खबरों को खारिज किया जिनमें दावा किया गया था कि केंद्र में नवगठित सहकारिता मंत्रालय महाराष्ट्र में “सहकारी आंदोलन पर कब्जा” जमा सकता है। पवार ने यहां बारामती कस्बे में संवाददाताओं को बताया कि यह परिकल्पना नयी नहीं है, लेकिन केंद्र राज्य के सहकारी क्षेत्र में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, “संविधान के तहत, राज्य में पंजीकृत सहकारी संस्थान राज्य (संबंधित प्रदेश के अधिकार क्षेत्र में) के तहत आते हैं।'  

नव गठित मंत्रालय बहुराज्यीय सहकारी संस्थानों के बारे में
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र का नव गठित मंत्रालय बहुराज्यीय सहकारी संस्थानों के बारे में है। महाराष्ट्र में पवार की पार्टी शिवसेना व कांग्रेस के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल है। पवार ने कहा, “एक से ज्यादा राज्यों में, जिसे बहुराज्यीय कहा जाता है, पंजीकृत सहकारी संस्थानों पर एक राज्य नियंत्रण नहीं रख सकता और उस पर केंद्र सरकार का नियंत्रण होता है।” उन्होंने कहा कि ऐसे बहुराज्यीय सहकारी संस्थानों के बारे में कोई फैसला करना केंद्र सरकार के सहकारिता विभाग के तहत आता है।

केंद्र ने हाल में सहकारिता मंत्रालय बनाया
उन्होंने कहा, “यह ऐसा कोई नया फैसला नहीं है। जब मैं केंद्र सरकार में था तो यह तब भी था। लेकिन, दुर्भाग्य से मीडिया एक अलग तस्वीर पेश कर रहा है कि केंद्र का सहकारिता मंत्रालय महाराष्ट्र में सहकारी आंदोलन पर कब्जा जमा सकता है या उसे खत्म कर सकता है।” केंद्र सरकार ने हाल में नया सहकारिता मंत्रालय बनाया है, जो पूर्व में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में एक छोटा विभाग था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस नए मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

केंद्र सरकार के रुख का इंतजार
समान नागरिक संहिता से जुड़े एक सवाल पर पवार ने कहा, “जब तक केंद्र सरकार इस पर कोई फैसला नहीं ले लेती, मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। हमें इस पर केंद्र सरकार के रुख का इंतजार है। एक बार जब वे इसे पास कर देंगे, तभी हम इस पर कुछ कह सकते हैं।

rajesh kumar

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