राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार वितरण पर विवाद हु्आ तेज
Thursday, May 03, 2018 - 08:32 PM (IST)
नेशनल डेस्कः 65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह पर राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित नहीं किये जाने पर काग्रेस ने कलाकारों का अपमान बताया है। पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा समय न निकाल पाना ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है।
मनीष तिवारी ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा समय नहीं निकाल पाना‘ दुर्भाग्यपूर्ण‘ है और उन्हें इसपर पुर्निवचार करना चाहिये। कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया ,‘’यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि माननीय राष्ट्रपति उन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के समारोह के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं जो भारत की रचनात्मक , कला और सॉफ्ट पॉवर को प्रर्दिशत करते हैं। तिवारी ने अपने ट्वीट में कहा है। ‘’राष्ट्रपति को पुर्निवचार करना चाहिए क्योंकि ये पुरस्कार उस ऑफिस द्वारा दिये जाते हैं जिसका वह प्रतिनिधित्व करते हैं और इनकी एक अलग गरिमा होती है।‘’
It is unfortunate Hon’ble President of India has not been able to find time to present ALL National Film Awards that show Case India’s creativity,performing Arts& Soft Power. President should reconsider as awards presented by the office he represents carries different GRAVITAS
— Manish Tewari (@ManishTewari) May 3, 2018
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को पहले ही करा दिया था अवगत
इस विषय पर सवाल उठने पर ‘आश्चर्य’ व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति भवन ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सभी पुरस्कार कार्यक्रमों में अधिकतम एक घंटे रूकते हैं और इस बारे में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को अवगत करा दिया गया था। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार गुरुवार शाम को विज्ञान भवन में आयोजित किया गया।
राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अशोक मलिक ने कहा कि राष्ट्रपति सभी पुरस्कार कार्यक्रमों और दीक्षांत समारोहों में अधिकतम एक घंटे रूकते हैं। यह प्रोटोकॉल उनके पदभार ग्रहण करने के समय से ही चला आ रहा है। इस बारे में सूचना और प्रसारण मंत्रालय को कई सप्ताह पहले ही अवगत करा दिया गया था और मंत्रालय को इसकी जानकारी थी। उन्होंने कहा कि अंतिम समय में इस तरह से सवाल उठाने से राष्ट्रपति भवन आश्चर्यचकित है।
कलाकारों ने इस मुद्दे पर फिल्म महोत्सव निदेशालय, भारत के राष्ट्रपति कार्यालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई। कलाकारों ने कहा कि उन्होंने बुधवार को स्मृति ईरानी से इस मामले पर चर्चा की और उन्होंने इसका जवाब देने का वादा किया था।वहीं मराठी फिल्म निर्देशक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता प्रकाश ओक ने कहा कि हम अपमानित महसूस कर रहे हैं।
We are not commercial filmmakers. They are breaking a tradition of 65 years. They could have told us in advanced we would not have come here: Meghnath, Filmmaker on not accepting #NationalFilmAwards pic.twitter.com/ve68W3bk7S
— ANI (@ANI) May 3, 2018
कांग्रेस ने बताया कलाकारों का अपमान
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह बहुत संवेदनशील और गंभीर मामला है। ‘‘मुझे लगता है कि सरकार में जो पदस्थ लोग हैं, उनको गलती सुधारनी चाहिए और उन लोगों से बातचीत करके इसका हल निकालना चाहिए। शुक्ला ने कहा कि वे सभी वरिष्ठ कलाकार हैं। सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और कलाकारों को सम्मान दिया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह सीधी जिम्मेदारी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की है। मंत्रालय ने कलाकारों को सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा अपमान कुछ नहीं हो सकता कि राष्ट्रपति के नाम पर सम्मान भी नहीं दिया जाये। उन्होंने कहा,‘‘मैं समझता हूं कि ये सम्मान का अपमान है और जो सम्मानित हो रहे हैं, उनका भी अपमान है।