वर्दी की धौंस या गुंडागर्दी? TTE को AC कोच से घसीटा, थाने में कराया गया ''कुकड़-कूं'', जानें पूरा मामला
punjabkesari.in Friday, Jul 04, 2025 - 05:29 PM (IST)

नेशनल डेस्क : उत्तर प्रदेश के ललितपुर रेलवे स्टेशन पर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें ट्रेन में तैनात एक टीटीई (ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर) के साथ जीआरपी के सिपाही ने बदसलूकी की। टिकट मांगने पर सिपाही भड़क गया और टीटीई को ट्रेन से उतारकर थाने ले जाकर प्रताड़ित किया। अब इस घटना को लेकर रेलवे और जीआरपी ने जांच शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
घटना सोमवार की है। जबलपुर मंडल के कटनी से जुड़े डिप्टी सीटीआई दिनेश कुमार, हीराकुंड एक्सप्रेस (20808) में ड्यूटी पर थे। ट्रेन के झांसी स्टेशन से चलने के बाद वे बी-1 कोच में टिकट चेक कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने एक महिला से टिकट मांगा, तो महिला ने कहा कि उसके पति से बात करें। थोड़ी ही दूरी पर एक सीट पर वर्दी में बैठे सिपाही से जब दिनेश कुमार ने टिकट मांगा, तो वह नाराज़ हो गया। बताया गया कि सिपाही ने खुद को ललितपुर जीआरपी थाने में तैनात बताया और धमकाने लगा। टीटीई जब टिकट की मांग पर अड़ा रहा तो सिपाही ने कथित तौर पर उसके साथ मारपीट कर दी।
जबरन ट्रेन से उतारा, थाने में की बदसलूकी
ललितपुर स्टेशन पर ट्रेन के रुकते ही सिपाही ने टीटीई को ज़बरदस्ती ट्रेन से उतार लिया। आरोप है कि उसे थाने ले जाकर “मुर्गा” बनाया गया और हर कुछ मिनटों में “कुकड़ू-कूं” करने के लिए मजबूर किया गया। इस दौरान ट्रेन बिना टीटीई के ही रवाना हो गई।
टिकट चेकिंग स्टाफ का फूटा गुस्सा
घटना की जानकारी जैसे ही अन्य टीटीई को मिली, उनमें आक्रोश फैल गया। मंगलवार को इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ ऑर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय सिंह ने सीनियर डीसीएम अमन वर्मा से मुलाकात कर दोषी सिपाही पर सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने रेलवे को ज्ञापन सौंपा और टीटीई की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग उठाई।
रेलवे ने बनाई जांच कमेटी
मामले को गंभीरता से लेते हुए रेलवे प्रशासन ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है। इसमें रेलवे के सहायक सुरक्षा आयुक्त, सहायक वाणिज्य प्रबंधक और जीआरपी के डीएसपी शामिल हैं। जीआरपी के एसपी विपुल श्रीवास्तव ने बताया कि कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
अब वर्दीधारी भी बिना टिकट नहीं कर सकेंगे यात्रा
रेलवे ने इस घटना के बाद सख्त रुख अपनाया है। अब सभी टीटीई को निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई पुलिसकर्मी यात्रा कर रहा हो, तो उससे भी टिकट अवश्य मांगा जाए। यदि टिकट नहीं दिया जाता है, तो फौरन कंट्रोल रूम को सूचना दी जाए और अगले स्टेशन पर सुरक्षा के साथ कार्रवाई की जाए। रेलवे ने स्पष्ट किया है कि बिना टिकट यात्रा करने पर चाहे वह वर्दीधारी ही क्यों न हो, जुर्माना वसूला जाएगा और रिपोर्ट संबंधित पुलिस अधीक्षक को भेजी जाएगी। यह मामला सिर्फ नियमों की अनदेखी का नहीं, बल्कि कानून की जिम्मेदारी निभाने वाले ही अगर कानून तोड़ें, तो सवाल खड़े होते हैं। अब देखना होगा कि दोषी पर कितनी सख्त कार्रवाई होती है।