रिश्वत लेते हवलदार रंगे हाथों काबू
punjabkesari.in Wednesday, Jan 29, 2025 - 07:33 PM (IST)
चंडीगढ़, 29 जनवरी:(अर्चना सेठी) पंजाब विजीलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम के तहत सेवानिवृत्त हवलदार बलविंदर सिंह, जो लुधियाना जिले के थाना माछीवाड़ा में तैनात स्टेशन हाउस अफसर (एस.एच.ओ.) का सहयोगी है, को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। उल्लेखनीय है कि उक्त आरोपी पुलिस विभाग के किसी आधिकारिक आदेश या स्वीकृति के बिना ही थाने में ड्यूटी निभा रहा था।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए विजीलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि यह गिरफ्तारी खन्ना पुलिस जिले के माछीवाड़ा सब-डिवीजन के गांव मोहन माजरा के निवासी सुखबीर सिंह द्वारा दर्ज करवाई गई शिकायत के आधार पर की गई है।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि शिकायतकर्ता ने लुधियाना स्थित विजीलेंस ब्यूरो रेंज के दफ्तर में पहुंचकर शिकायत में बताया कि उसकी कार माछीवाड़ा पुलिस ने जब्त कर ली है। शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपी बलविंदर सिंह ने उसे बताया कि उसकी कार मुख्य मुंशी करन के कब्जे में है और कार वापस दिलवाने के लिए उसने 25,000 रुपये रिश्वत की मांग की है। हालांकि, बातचीत के बाद सौदा 15,000 रुपये में तय हो गया।
28 जनवरी 2025 को शिकायतकर्ता ने बलविंदर सिंह से फोन पर बातचीत कर रिश्वत की रकम कम करने की विनती की, जिसके बाद आरोपी बलविंदर सिंह 10,000 रुपये रिश्वत पर सहमत हो गया। शिकायतकर्ता ने फोन पर हुई पूरी बातचीत को सबूत के रूप में रिकॉर्ड कर लिया और इसे लुधियाना स्थित विजीलेंस ब्यूरो रेंज के कार्यालय में जमा करवा दिया।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि प्रारंभिक जांच के बाद विजीलेंस ब्यूरो, लुधियाना रेंज की टीम ने जाल बिछाया और उक्त आरोपी को माछीवाड़ा थाने के बाहर दो सरकारी गवाहों की मौजूदगी में शिकायतकर्ता से 10,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों काबू कर लिया। इस दौरान विजीलेंस ब्यूरो की टीम को शिकायतकर्ता की कार भी थाने में खड़ी मिली।
जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि आरोपी बलविंदर सिंह पहले ही पंजाब आर्म्ड पुलिस (पी.ए.पी.) से सेवानिवृत्त हो चुका है, लेकिन माछीवाड़ा के एस.एच.ओ. ने बिना किसी विभागीय आदेश के उसे थाने में गैर-कानूनी रूप से तैनात किया हुआ था। इस तरह, उक्त आरोपी बिना किसी सरकारी आदेश या स्वीकृति के पुलिस थाने में कार्य कर रहा था। उल्लेखनीय है कि इस मामले में संबंधित एस.एच.ओ. और मुख्य मुंशी की भूमिका की भी जांच की जा रही है।