Ram Mandir की प्राण प्रतिष्ठा तिथि को 'प्रतिष्ठा दिवस' के रूप में मनाया जाना चाहिए: मोहन भागवत
punjabkesari.in Tuesday, Jan 14, 2025 - 01:02 PM (IST)
नेशनल डेस्क: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि अयोध्या (उत्तर प्रदेश) में राम मंदिर की प्रतिष्ठा तिथि को 'प्रतिष्ठा दिवस' के रूप में मनाया जाना चाहिए। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि राम मंदिर कोई आंदोलन नहीं बल्कि हिंदू समुदाय के लिए एक यज्ञ है। उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण बहुत पहले हो जाना चाहिए था, लेकिन कुछ ताकतों के कारण इसमें देरी हुई।
भागवत ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन किसी का विरोध करने के लिए नहीं शुरू किया गया था, बल्कि यह भारत के 'स्व' को जगाने के लिए शुरू किया गया था ताकि देश अपने पैरों पर खड़ा हो सके और दुनिया को रास्ता दिखा सके। 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में भव्य अयोध्या मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई।
#WATCH | Indore, Madhya Pradesh | RSS Chief Mohan Bhagwat says, "...The true independence of India, which had faced many centuries of persecution, was established on that day (the day of Ram Temple's 'Pran Pratishtha'). India had independence but it was not established..."… pic.twitter.com/swrpc4T809
— ANI (@ANI) January 14, 2025
राम मंदिर निर्माण के दौरान कोई मतभेद नहीं था
भागवत ने कहा कि पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के दौरान देश में कोई मतभेद नहीं था। उन्होंने यह बात सोमवार को इंदौर में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को राष्ट्रीय देवी अहिल्या पुरस्कार प्रदान करने के बाद कही। पुरस्कार प्राप्त करने के बाद, राय ने कहा कि वह यह सम्मान राम मंदिर आंदोलन के सभी ज्ञात और अज्ञात लोगों को समर्पित करते हैं, जिन्होंने उत्तर प्रदेश के इस शहर में भव्य राम मंदिर के निर्माण में मदद की।
मंदिर "हिंदुस्तान की मूंछ" का प्रतीक
आंदोलन के दौरान हुए संघर्षों के विभिन्न चरणों का उल्लेख करते हुए राय ने कहा कि मंदिर "हिंदुस्तान की मूंछ" का प्रतीक है और वह इसके निर्माण के लिए सिर्फ एक माध्यम हैं। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार इंदौर स्थित सामाजिक संगठन 'श्री अहिल्योत्सव समिति' द्वारा हर वर्ष विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में योगदान के लिए प्रतिष्ठित व्यक्तियों को दिया जाता है।
इस अवसर पर संस्था की अध्यक्ष पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि शहर में देवी अहिल्याबाई को समर्पित एक भव्य स्मारक बनाया जाएगा, ताकि लोग उनके जीवन चरित्र से परिचित हो सकें। पिछले कई वर्षों में राष्ट्रीय देवी अहिल्या पुरस्कार नानाजी देशमुख, विजया राजे सिंधिया, रघुनाथ अनंत माशेलकर और सुधा मूर्ति जैसी जानी-मानी हस्तियों को दिया गया है।