कांग्रेस को अगले दो महीनों में मिल जाएगा नया अध्यक्ष, गांधी परिवार का नहीं होगा सदस्य

Friday, Jun 07, 2019 - 07:04 PM (IST)

नेशनल डेस्कः लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की। हालांकि कांग्रेस कमेटी की बैठक में इसे अस्वीकार कर दिया गया। लेकिन राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा वापस लेने के इनकार के बाद नए अध्यक्ष की तलाश तेज हो गई है। यहीं नहीं, गांधी परिवार ने यह भी साफ किया है कि प्रियंका गांधी भी अध्यक्ष नहीं बनेंगी। राहुल गांधी ने पिछली कार्यसमिति की बैठक में साफ कर दिया था कि इसमें प्रियंका गांधी को ना घसीटा जाए। वहीं, सोनिया गांधी अपने स्वास्थ्य को लेकर पहले ही पार्टी में अपनी सक्रियता कम कर चुकी हैं।

ऐसे में कांग्रेस के सूत्रों की माने तो पार्टी का अगला अध्यक्ष गैर गांधी होगा और अगले दो महीने में नया अध्यक्ष चुन लिया जाएगा। अब कांग्रेस में ऐसे नामों पर विचार किया जा रहा है, जिस पर गांधी परिवार की मूक सहमति हो और वह बाकी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को स्वीकार्य हो। कई जानकारों का मानना है कि कांग्रेस का नया अध्यक्ष महाराष्ट्र से हो सकता है क्योंकि राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहीं अब इस बात पर भी विराम लग गया है कि राहुल गांधी फिलहाल दोबारा अध्यक्ष पद पर वापसी कर सकते हैं। कांग्रेस के पास अभी कोई अध्यक्ष नहीं है। इस वजह से कई राज्यों में पार्टी अनुशासनहीनता की तरफ बढ़ती जा रही है।

दिल्ली में कांग्रेस के बड़े नेताओं का लगता है कि अध्यक्ष पद को लेकर जो भ्रम के स्थिति पैदा हो गई है, उसे जल्दी खत्म करना ही पार्टी हित में अच्छा होगा। इससे पहले राहुल गांधी ने कहा कि मैं संसद में जिम्मेदारी लेने को तैयार हूं लेकिन पार्टी एक महीने के भीतर नया अध्यक्ष चुन ले। बता दें कि राहुल गांधी ने 25 मई को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में लोकसभा चुनाव में राजस्थान और मध्य प्रदेश में पार्टी के सफाए को लेकर विशेष रूप से नाराजगी जताई थी।

सूत्रों और मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम सहित कुछ बड़े क्षेत्रीय नेताओं का उल्लेख करते हुए कहा था कि इन नेताओं ने बेटों-रिश्तेदारों को टिकट दिलाने के लिए जिद की और उन्हीं को चुनाव जिताने में लगे रहे और दूसरे स्थानों पर ध्यान नहीं दिया। इसी बैठक में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि, सीडब्ल्यूसी ने प्रस्ताव पारित कर इसे सर्वसम्मति से खारिज कर दिया और पार्टी में आमूलचूल बदलाव के लिए उन्हें अधिकृत किया।

Yaspal

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