लोकसभा चुनाव में 10 मुद्दों पर भाजपा को घेरेगी कांग्रेस, थरूर जैसे नेताओं को चेतावनी

Wednesday, Jul 25, 2018 - 10:17 AM (IST)

जालंधर(रविंदर): 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा व मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस पार्टी ने विशेष रणनीति तैयार की है। कांग्रेस ने अगले लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को सियासी पटखनी देने के लिए 10 मुद्दों की पहचान कर इस पर आक्रामक राजनीतिक अभियान चलाने का फैसला किया है। इन मुद्दों में किसानों को एम.एस.पी. के छलावे से लेकर युवाओं को मोदी सरकार में रोजगार नहीं मिलने, दलित उत्पीडऩ व माब लिंचिंग जैसे मसले शामिल हैं। 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हर लोकसभा क्षेत्र में पार्टी का आधार बढ़ाने के साथ इन मुद्दों पर सरकार के दावों की पोल खोलने के लिए अपने नेताओं व कार्यकत्र्ताओं से पूरी शिद्दत के साथ जुटने को कहा है। अगले लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा के लिए बुलाई गई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में व्यापक मंथन के बाद इन मुद्दों की पहचान की गई है। बैठक के दौरान करीब 35 नेताओं ने सियासी हालात से लेकर चुनावी मुद्दों पर अपनी बात रखी। कांग्रेस का कहना है कि पार्टी इन्हीं 10 मुद्दों पर जन आंदोलन करेगी। पार्टी की ओर से अगले चुनाव के लिए तय किए गए मुद्दों की चर्चा करते हुए उनका कहना था कि कृषि क्षेत्र गंभीर संकट में है और किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। एम.एस.पी. एक छलावा है और इससे किसानों का भला नहीं होने वाला है।

इसी तरह पान व पकौड़ा बेचने को रोजगार की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है। जबकि मोदी सरकार ने हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वायदा किया था जिसे पूरा करने में मोदी सरकार फेल साबित हुई है। अर्थव्यवस्था में यू.पी.ए. के मुकाबले कम विकास दर भी कांग्रेस के अहम मुद्दों में शामिल है। कांग्रेस का मानना है कि जी.डी.पी. दर घटी है तो औद्योगिक विकास की रफ्तार भी औंधे मुंह गिरी है। कांग्रेस के मुताबिक दलित, अल्पसंख्यकों व आदिवासियों के साथ अत्याचार और हिंसा की घटनाओं ने सारी हदें पार कर दी हैं। एस.सी.-एस.टी. कानून को भी ध्वस्त किया जा रहा है। कांग्रेस के मीडिया विंग के प्रभारी रणदीप सुर्जेवाला ने कहा कि संवैधानिक और प्रशासनिक संस्थाओं को पंगु बना दिया गया है तो दूसरी तरफ महिलाओं के साथ अत्याचार में बढ़ौतरी हुई है।

महिला आरक्षण और विदेश नीति फेल हैं और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने का मसला भी शामिल किया है। राहुल गांधी ने तमाम नेताओं से हर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस का आधार बढ़ाने पर जोर देने के लिए इन मुद्दों को प्रमुखता से उठाने की सलाह दी। राहुल गांधी का यह भी कहना है कि रणदीप सुर्जेवाला के अलावा पार्टी के अधिकांश नेता सियासी व मीडिया मोर्चे पर कांग्रेस पार्टी के लिए लड़ते दिखाई नहीं देते। उन्होंने साफ तौर पर कांग्रेस के संवाद तंत्र को बेहतर व मुखर बनाने की बात कही। शशि थरूर के कुछ दिन पहले दिए बयान को भी पार्टी ने बेहद गंभीरता से लिया है और कहा कि भाषा की मर्यादा लांघने वाले नेताओं पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कुछ कांग्रेसी नेताओं का यह भी मानना है कि पी.एम. मोदी व भाजपा को उनके ही शब्दों में जवाब देना होगा। मगर राहुल गांधी का मानना है कि कांग्रेस इस समय एक बड़ी लड़ाई लड़ रही है और इसमें महात्मा गांधी के दिखाए रास्ते पर ही चलने की जरूरत है।  

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