तीन तलाक विधेयक पारित कराना सरकार की बड़ी चुनौती

punjabkesari.in Sunday, Jun 16, 2019 - 05:41 PM (IST)

नई दिल्ली: संसद के सोमवार से शुरु हो रहे सत्र में नयी सरकार के समक्ष तीन तलाक सहित दस महत्वपूर्ण अध्यादेशों को पारित कराने की चुनौती होगी ,वहीं विपक्षी दल सरकार को किसानों, बेरोजगारी, धर्मनिरपेक्षता, इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन जैसे कई मुद्दों पर घेरने का प्रयास करेगी। प्रचंड जीत के साथ दूसरी बार सत्ता में आई मोदी सरकार ने संसद के पहले ही सत्र में तीन तलाक जैसे महत्वपूर्ण विधेयक को लाने का फैसला किया है जिसे पारित कराना उसके लिए एक बड़ी चुनौती होगी। तीन तलाक पर सरकार दो बार अध्यादेश लाई लेकिन इसे संसद से पारित कराने में असफल रही। इस पर पहला अध्यादेश पिछले वर्ष सितंबर में तथा दूसरा इस साल फरवरी में लाया गया था।

विपक्षी दल कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी के साथ ही कई अन्य विपक्षी दल पहले से ही तीन तलाक विधेयक का विरोध करते रहे हैं लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी के महत्वपूर्ण सहयोगी जनत दल यू ने भी इसको लेकर विरोध शुरू कर दिया है इसलिए सरकार के समक्ष इसे पारित कराने की बडी चुनौती है।  कांग्रेस शुरु से इस विधेयक में आवश्यक संशोधन कराने की बात करती रही है और इस बार भी उसका कहना है कि कुछ संशोधनों के बाद भी इसमें खामियां हैं। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि कांग्रेस ने तीन तलाक पर कई बुनियादी बातें उठाई थी। उनमें से कई मुद्दों पर सरकार ने उनकी बात मान ली है लेकिन अभी भी परिवार की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना जैसे कुछ मुद्दों का समाधान बाकी है।  

लोकसभा में सोमवार और मंगलवार को चुनकर आए सभी सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी और बुधवार को 17वीं लोकसभा के लिए अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। राज्यसभा का सत्र 20 जून से शुरू होना है और उसी दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे। उसके बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी। चार जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा और पांच जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेगी। 


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Anil dev

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