लोकसभा में कांग्रेस ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा- यह एक ''नो डाटा सरकार'' है

Friday, Sep 18, 2020 - 09:20 PM (IST)

नई दिल्लीः कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने अर्थव्यवस्था, रोजगार की स्थिति और कोरोना वायरस संकट के मुद्दे पर शुक्रवार को लोकसभा में सरकार को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास किया और आरोप लगाया कि घरेलू उपभोग, निजी क्षेत्र के निवेश, सरकारी निवेश और निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था के चार प्रमुख मानकों पर स्थिति काफी खराब स्थिति में है। विपक्ष ने वित्त मंत्री से इस बारे में स्पष्टीकरण की मांग की कि देश ऐसे हालात से कैसे निकलेगा। वहीं, भाजपा ने दावा किया कि कोरोना वायरस संकट के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को तूफान से निकालकर बचाने का काम किया गया और आज भारत बदल रहा है तथा आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है। सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि दुनिया के ज्यादातर देशों में मुद्रा का अवमूल्यन हुआ, लेकिन भारतीय रुपया स्थिर रहा है और दुनिया भर में हमारी अर्थव्यवस्था में भरोसा जताया गया है।

‘वर्ष 2020-21 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच और वर्ष 2016-17 की अतिरिक्त अनुदान की मांगों' पर चर्चा में भाग लेते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता अब पहले जैसी नहीं रही और यह अब ‘नो-डेटा सरकार' बन चुकी है। उन्होंने अर्थव्यवस्था, रोजगार और कोरोना वायरस संकट की स्थिति को लेकर शुक्रवार को लोकसभा में सरकार पर निशाना साधा। सरकार पर निशाना साधते हुए चौधरी ने यह भी कहा कि जिस मनरेगा को भाजपा के लोग ‘मरेगा' कहते थे, आज वही रोजगार का बड़ा सहारा बन गया है। उन्होंने दावा किया कि आप लोग (भाजपा सांसद) प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता के सहारे यहां तक आ गए, लेकिन अब उनकी लोकप्रियता पहले जैसे नहीं रही। अब उनके पेज पर लाइक से ज्यादा डिस्लाइक मिलना शुरू हो गए हैं।

अधीर रंजन बोले- यह 'नो डेटा सरकार' है
अर्थव्यवस्था की स्थिति का उल्लेख करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि यह बहुत चिंता की बात है कि मौजूदा वित्त वर्ष में हमारी जीडीपी करीब 24 फीसदी गिर गई। उन्होंने सवाल किया, ‘‘बिना तैयारी के आपने लॉकडाउन कर दिया। नतीजा यह हुआ कि लाखों लोग सड़कों पर चलने लगे। लोगों की सड़कों पर मौत हुई। इस बारे में कोई ब्यौरा सरकार ने क्यों नहीं दिया।'' कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘आपके पास नौकरियों का कोई डेटा नहीं है। आपके पास किसी चीज का डेटा नहीं होता। यह ‘नो डेटा' सरकार बन गई है। आप 2024 तक पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था तक कैसे पहुंचेंगे?'' उन्होंने कहा कि आज देश की संपत्तियों और सार्वजनिक इकाइयों को सरकार बेच रही है। चौधरी ने कहा कि आज देश कोरोना वायरस के मामलों के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। यह चिंता का विषय है। उन्होंने यह दावा भी किया कि इस सरकार में अविश्वास का माहौल पैदा हो गया है।

भाजपा सांसद बोले- आत्मनिर्भर बन रहा भारत
चर्चा की शुरूआत करते हुए भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि अनुदान की अनुपूरक मांगों का यह दस्तावेज ‘आत्मनिर्भरता के लिए एक घोषणापत्र' है। उन्होंने कहा, ‘‘ पूरी दुनिया में एक तूफान फैला हुआ है। यह हमारा सौभाग्य है कि इस तूफान में देश की नैया एक ऐसे मांझी (मोदी) के हाथ में है जो हमें सुरक्षा की तरफ लेते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस आपदा को अवसर में बदला। हम सिर्फ देश को बचाने में नहीं बल्कि देश को आगे बढ़ाने में लगे हैं।'' सिन्हा ने कहा कि आपदा मोचन के लिए पर्याप्त राशि दी गई। कोविड से जुड़ी तैयारियों के लिए छह हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ जनवरी में हम सिर्फ 10 जांच प्रतिदिन कर पाते थे, लेकिन आज हम प्रतिदिन 10 लाख जांच कर पा रहे हैं। दुनिया में ऐसा कहीं नहीं है।''

जयंत सिन्हा ने कहा कि हमने 70 साल में 48 हजार वेंटिलेटर बनाए थे और सिर्फ 70 दिन में 50 हजार वेंटिलेंटर बनाए हैं। आज हम मास्क, पीपीई किट और वेंटिलेटर निर्यात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनुदान की अनुपूरक मांगों में देखा जा सकता है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत हर व्यक्ति को अनाज दिया जा रहा है। जनधन खातों में हजारो करोड़ की मदद दी गई। किसान सम्मान निधि योजना के तहत भी किसानों को काफी धनराशि दी गई। भाजपा सांसद ने कहा कि शहरों से गांवों को लौटे मजदूरों के लिए कदम उठाए गए। मनरेगा के तहत 40 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया गया ताकि लोगों को काम मिल सके। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में हमारी अर्थव्यवस्था में भरोसा जताया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम सिर्फ आपदा से बच नहीं रहे, बल्कि देश को बदल भी रहे हैं। आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं।''

वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि अर्थव्यवस्था में 24 फीसदी की गिरावट आई। ऐसी स्थिति में हम चीन से कैसे तुलना करेंगे? उन्होंने आरोप लगाया कि अर्थव्यवस्था के चार प्रमुख मानकों- घरेलू उपभोग, निजी क्षेत्र के निवेश, सरकारी निवेश और निर्यात पर देखें तो यह बहुत खराब स्थिति में है। राय ने सवाल किया, ‘‘ वित्त मंत्री को बताना चाहिए कि हम इस अंधेरी गुफा से बाहर कैसे निकलेंगे।''

 

Yaspal

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