लोया मामले पर आये फैसले से सुप्रीम कोर्ट पर उठेंगे सवाल: कांग्रेस
Thursday, Apr 19, 2018 - 03:27 PM (IST)
नेशनल डेस्क: सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले की जांच कर रहे सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बी एच लोया की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वीरवार को अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस मामले की स्वतंत्र जांच कराने की अपील को खारिज कर दिया है जिसे लेकर कांग्रेस ने कई सवाल उठाए। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि लोया मामले के फैसले का निष्पक्ष विश्लेषण होना चाहिए। लेकिन जब तक इसका तर्कपूर्ण निष्कर्ष नहीं निकलता यह कई सवाल खड़े करेगा।
Dispassionate analysis of Loya j’ment must await its full reasoning. But unless logical reasons found in it, it wl raise more questions & leave many unanswered. Sc can remove suspicious crl features only by dealing with them directly. Ipse Dixit nt enuff 4this case.
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) April 19, 2018
सिंघवी ने ट्वीट कर लिखा कि मैं यह स्वीकार करने को तैयार हूं कि उच्चतम न्यायालय में लोया के साथ मौजूद न्यायाधीशों की सच्चाई पर पूरा जोर दिया जाना चाहिए। यदि जरूरत हो तो अवमानना का मुकदमा शुरू करना चहिए। यदि पुख्ता सबूत हैं तो 7/8 संदिग्ध परिस्थितियों का खंडन किया जाना चाहिए। बता दें कि न्यायाधीश लोया का नागपुर में एक दिसंबर, 2014 को कथित रूप से दिल का दौरा पडऩे से मौत हो गयी थी। वह अपने सहकर्मी की बेटी के विवाह में गये थे। हालांकि लोया के बेटे ने 14 जनवरी को कहा था कि उनके पिता की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई थी।
am prepared 2accept a)heavy emphasis in sc Loya re veracity of accompanying judges b)anguish re scandalous args(c)initiation of contempt if it arises(d)provided it is accompanied by solid reasons rebutting the 7/8 suspicious circs raised. Absent that, above lamentations nt enuff.
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) April 19, 2018
उच्चतम न्यायालय ने सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की जांच कर रहे सीबीआई के विशेष जज बी. एच. लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु की स्वतंत्र जांच कराने के लिये दायर याचिकायें को आज खारिज कर दी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चन्द्रचूड़ की पीठ ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों और बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाकर न्यायपालिका को विवादित बनाने का प्रयास किया जा रहा है। पीठ ने कहा कि लोया की मृत्यु की परिस्थितियों के संबंध में चार जजों के बयान पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है। साथ ही रिकॉर्ड में रखे गए दस्तावेजों और उनकी जांच यह साबित करती है कि लोया की मृत्यु प्राकृतिक कारणों से हुई है।